Kaithal News: कैथल में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़े वर्ग की जातियों में क्रीमीलेयर को लेकर दिए गए फैसले के विरोध में बहुजन समाज पार्टी के आह्वान पर  रोष प्रदर्शन किया. सरकार से अध्यादेश लाकर फैंसले को बदलने की मांग की. इसी कड़ी में भारत का भी आह्वान किया. वहीं वाल्मीकि समाज  के लोग सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले का स्वागत कर रहे है. उनका कहना है कि इस प्रदर्शन से मायावती की राजनीति को नुकसान होगा.


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कैथल में बहुजन समाज पार्टी के आह्वान पर जाति पिछड़े वर्ग की एक जाति विशेष के लोग कैथल के जवाहर पार्क में इकट्ठा हुए. सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए सचिवालय पहुंचे. जहां उन्होंने  राष्ट्रपति के नाम कैथल प्रशासन को ज्ञापन सौंपा. 


बहुजन समाज के नेताओं ने कहा कि जो सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है, यह समाज को वर्गों में बांटने वाला है. जिससे कि पिछड़े समाज की ताकत कम हो सके. उन्होंने कहा कि इसलिए वह सरकार से निवेदन करते हैं कि अध्यादेश लाकर इसमें संशोधन किया जाए.


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प्रदर्शन का कारण बैनर पर लिखा हुआ:
1. एससी, एसटी जातियों के वर्ग में क्रीमीलेयर को आरक्षण से बाहर करना
2. एक पीढ़ी तक ही आरक्षण देना
3. माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले को वापिस लें
4. केंद्र व राज्य सरकार की नौकरियों में बैकलॉग पूरा किया जाए


उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार अध्यादेश लाकर वापिस ले, ताकि हमारे समाज का वर्गीकरण न हो. इस विषय पर वाल्मीकि समाज के नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई. भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज के राष्ट्रीय संचालक रामलाल कल्याण ने कहा कि यह केवल एक चमार जाति के लोगों का प्रदर्शन है, बाकी जो 36 जातियां जो अति पिछड़ी हो चुकी हैं, कोर्ट ने भी इसका संज्ञान लिया है और उनके हक में फैसला दिया है. हम सब न्यायालय के इस फैसले से खुश हैं. क्योंकि इस फैसले के बाद अति पिछड़े लोगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा. अभी तक केवल एक जाति के लोग ही आरक्षण का लाभ उठा रहे थे. 


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उन्होंने कहा कि मायावती और चंद्रशेखर आजाद जिन्होंने इस भारत बंद का समर्थन किया है. इनको आने वाले समय में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. क्योंकि पूरे दलित समाज की जातियां इनके साथ थी, लेकिन जब से समाज की वंचित जातियां इनसे अलग हुई तब से मायावती की एक भी सीट नहीं आई. इससे मायावती ने अपना ही नुकसान किया है और हम आगे से इनका साथ नहीं देंगे.


साथ ही उन्होंने कहा कि जो चंद्रशेखर आजाद हैं वाल्मीकि समाज में इनका समर्थन किया था और आर्थिक रूप से 11 लाख रुपए देकर उनकी मदद भी की थी. आज वही हमारा विरोध कर रहे हैं. हम चंद्रशेखर आजाद को भी दिखा देंगे जो हाल मायावती का हुआ है वही इनका भी होगा. क्योंकि यह लोग गुरु रविदासजी के दिखाए हुए मार्ग से भटक चुके हैं. 


INPUT: VIPIN SHARMA