Chandigarh News: हिमाचल में मंडी से नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत को 6 जून को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की एक जवान ने थप्पड़ मार दिया. इस मामले में एक्शन लेते हुए CISF जवान को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही उसके खिलाफ FIR भी दर्ज कर ली गई है. वहीं अब इस मामले पर राजनीति भी शुरू हो गई है. एक ओर जहां किसान CISF जवान के इस कदम को सराहनीय बताते हुए उसे सम्मानित करने की बात कर रहे हैं. वहीं अब इस पर नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आ रही है.


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सांसद हरसिमरत कौर ने कहा- कंगना को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए
CISF कांस्टेबल द्वारा कंगना रनौत को थप्पड़ मारे जाने पर सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि 'कंगना रनौत को अपने हाईकमान को खुश करने की कोशिश करने के बजाय अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. एक अभिनेत्री होने के नाते, जब आप बेवकूफी भरी बातें कहते हैं तो उन्हें कई लोग फॉलो करते हैं और फालतू कमेंट्स करते हैं तो रिएक्शन होता है. अगर कोई आपकी मां के लिए ऐसे शब्द कहे जो आपने दूसरों की मां के लिए कहे हैं तो आपको भी अच्छा नहीं लगेगा. आप अपनी गलती देखने की बजाय उन्हें आतंकवादी कह रहे हैं. आपकी पार्टी की नीति जहर फैलाने की है. जहर फैलाने की बजाय मिठास फैलाएंगे तो ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा.'


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थप्पड़ मारना और किसान आंदोलन दो अलग मुद्दे
सांसद हरसिमरत कौर बादल के बयान पर राष्ट्रीय लोकदल नेता मलूक नागर की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि 'दो अलग-अलग मुद्दे हैं. किसी ने किसान आंदोलन के बारे में क्या कहा, यह एक अलग मुद्दा है. दूसरे, एक सदस्य संसदीय प्रणाली के तहत लोकतांत्रिक व्यवस्था में संसद को सरकार की ओर से सुविधा और सुरक्षा दी जाती है. सीआईएसएफ को हवाई अड्डों पर सांसद की सुरक्षा और सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.'


वहीं इस पूरे मामले में कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि 'सुरक्षा जांच के दौरान अगर कोई किसी को थप्पड़ मारता है तो मैं इसका समर्थन नहीं करता. ऐसा नहीं होना चाहिए. लेकिन बाद में कंगना रनौत ने पूरे पंजाब को आतंकवादी कह दिया. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि सोचें और बोलें. इस देश को आजादी दिलाने के लिए हम पंजाबियों ने अपना खून बहाया है. आतंकवाद के समय, हम नहीं जानते कि वह कहां थीं या भाजपा कहां थी. 22,000 कांग्रेसियों ने वहां अपनी जान दी. उन्होंने जो कहा वह गलत है और इसका जवाब संसद में दिया जाएगा.'