रकम वसूलने के लिए प्रशासन ने 17 एकड़ में खड़ी फसल कटवाई तो किसान ने दी आत्महत्या की धमकी
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रकम वसूलने के लिए प्रशासन ने 17 एकड़ में खड़ी फसल कटवाई तो किसान ने दी आत्महत्या की धमकी

किसान ओमप्रकाश का कहना है कि वह 1947 से जमीन पर फसल बोते आ रहा है, लेकिन आज तक भी ग्राम पंचायत की ओर से इस जमीन की बोली नहीं हुई है. प्रशासन जबरदस्ती उनकी फसल को काट रहा है. वहीं बीडीपीओ ने बताया है कि ओमप्रकाश जमीन का पट्टेदार था और उसने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई, इसलिए इस उसकी फसल को जब्त कर लिया गया. 

रकम वसूलने के लिए प्रशासन ने 17 एकड़ में खड़ी फसल कटवाई तो किसान ने दी आत्महत्या की धमकी

कमरजीत सिंह/करनाल : गांव गोंदर में प्रशासन ने पट्टे की रकम वसूलने के लिए एक किसान की 17 एकड़ 19 कनाल खेत में खड़ी धान की फसल को कटवाकर अपने कब्जे में ले लिया. प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो राशि वसूलने के लिए धान की फसल कटवाई जा रही है. वहीं अपनी आंखों के सामने जबरन फसल कटती देख किसान ओमप्रकाश का गुस्सा सातवें आसमान पर चढ़ गया और उसने प्रशासन की आंखों के आगे ही आत्महत्या करने की धमकी दे डाली. 

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बीडीपीओ गुरुमालिक सिंह के नेतृत्व में आज भारी पुलिस बल गांव पहुंचा और धान की फसल को काटा गया. फसल बेचकर मिली राशि को पंचायत के खाते में डाला जाएगा. वहीं किसान ओमप्रकाश ने प्रशासनिक अधिकारियों पर जबरन फसल काटने का आरोप लगाया. साथ ही यह भी दावा किया है कि इस जमीन का केस कोर्ट में चल रहा है, इसके बावजूद प्रशासन ने उसकी फसल कटवा ली. 

1947 से किसान के पास है यह जमीन 

ओमप्रकाश का कहना है कि वह 1947 से जमीन पर फसल बोते आ रहा है, लेकिन आज तक भी ग्राम पंचायत की ओर से इस जमीन की बोली नहीं हुई है. प्रशासन जबरदस्ती उनकी फसल को काट रहा है. वह हार्ट का मरीज है और नौबत यह आ गई है कि वह अब जी नहीं सकता. मौके पर ही किसान ने यहां तक कह डाला कि यदि प्रशासन उसकी फसल लेकर गया तो वह या तो सल्फास की गोली खा लेगा या फांसी लेगा. वह अपनी समस्या को लेकर शासन से प्रशासन तक का दरवाजा खटखटा चुका है, लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की. 

कोर्ट में केस हो चुका है डिसमिस 

वहीं बीडीपीओ ने बताया है कि ओमप्रकाश जमीन का पट्टेदार था और उसने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई, इसलिए इस उसकी फसल को जब्त कर लिया गया. 17 एकड़ 19 कनाल में किसान की धान की फसल खड़ी थी. प्रशासन ने किसान को 22 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन दी थी. किसान ने 20 हजार रुपये की सिक्योरिटी मनी जमा करवाई थी और लगभग 3 लाख रुपये का चेक दिया हुआ था, लेकिन किसान ने पट्टे की राशि जमा नहीं करवाई. कई बार ग्राम सचिव ने भी किसान से निवेदन किया था. बाद में किसान कोर्ट चला गया, लेकिन केस डिसमिस हो गया था. 

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