Ram Mandir: गर्भगृह वो स्थान है, जहां पर रामलला को विराजमान होना है. गर्भगृह के आगे आम श्रद्धालु नहीं जा पाएंगे. रामलला के दर्शन इसी स्थान से हो पाएंगे. यहां से आगे मूल गर्भगृह तक सिर्फ पुजारी, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ही जाने की इजाजत होगी.
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नई दिल्ली : देश-दुनिया में फैले राम भक्तों को बस किसी खबर का इंतजार है तो वो है अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य के पूरा होने की. तय समयसीमा यानी क्या जनवरी 2024 तक मंदिर बन जाएगा, अब तक मंदिर का निर्माण कितना हुआ और देश के कोने-कोने से अयोध्या पहुंचने वाले भक्त पक्की इम्मारत में रामलला की कब पूजा कर सकेंगे, ऐसे कई सवाल हैं, जिनके उत्तर हर व्यक्ति चाहता है.
इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए ज़ी मीडिया की टीम मंदिर निर्माण स्थल पहुंची. राम मंदिर के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश आफले ने पूरे मंदिर परिसर में घूम-घूमकर निर्माण कार्य के बारे में महीन से महीन जानकारी दी.
मकर संक्रांति पर पक्की इमारत में विराजमान होने की संभावना
अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य बहुत तेजी से चल रहा है. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का लक्ष्य है कि राम मंदिर का भूतल यानी गर्भगृह वाला हिस्सा जनवरी 2024 तक पूरा कर लिया जाए. यानी अगली रामनवमी से पहले मकर संक्रांति के मौके पर रामलला को अस्थायी मंदिर से रामलला के मूल जन्मस्थान यानी गर्भगृह में विराजमान किया जा सकता है.
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राम मंदिर के प्रवेश द्वार की सीढ़ियां बनकर तैयार हो चुकी हैं. मंदिर का सिंहद्वार पहला प्रवेश द्वार होगा. राम मंदिर का भूतल लगभग-लगभग बनकर तैयार हो चुका है. सिर्फ छत पड़नी बाकी है. भूतल पर सिंहद्वार के बाद नृत्य मंडप और रंग मंडप भी बनकर तैयार हो गया है.
12 फुट चौड़ा होगा गर्भगृह का कपाट
मंदिर का गृह मंडप भी बनकर तैयार हो चुका है. गृहमंडप का द्वार मकराना के मार्बल से बनाया गया है. इसमें महाराष्ट्र के सागौन की लकड़ियों से दरवाजा बनाया जाएगा, यहीं से श्रद्धालु दो लाइनों में दर्शन के लिए आगे बढ़ेंगे. राम मंदिर के गर्भगृह की ऊपरी दीवारों पर मार्बल लगाने का काम चल रहा है. गर्भगृह का कपाट (दरवाजा) 9 फुट ऊंचा और 12 फुट चौड़ा होगा. ये सोने का दरवाजा होगा. गर्भगृह वो स्थान है, जहां पर रामलला को विराजमान होना है.
मूल गर्भगृह तक जा सकेंगे बस तीन लोग
गर्भगृह के आगे आम श्रद्धालु नहीं जा पाएंगे. रामलला के दर्शन इसी स्थान से हो पाएंगे। यहां से आगे मूल गर्भगृह तक सिर्फ पुजारी, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को ही जाने की इजाजत होगी. राम मंदिर में दो परिक्रमा पथ बनाए जा रहे हैं, जिसमें से गर्भगृह का परिक्रमा पथ बन चुका है. तैयारियां अंतिम चरण में हैं. गर्भगृह की परिक्रमा पुजारी ही कर पाएंगे.
वहीं मंदिर परिसर का परिक्रमा वाला पथ भी तैयार है. यह परिक्रमा पथ कीर्तन मंडप से शुरू होकर भजन मंडप तक है. मंदिर के डिजाइनर ने डेमो के माध्यम से दिखाया कि कैसे लोहे और सीमेंट के बिना राम मंदिर बन रहा है.