यमुना की सफाई को लेकर LG अलर्ट मोड पर, हरियाणा और दिल्ली के अधिकारियों से की अपील
दिल्ली में यमुना की सफाई को लेकर एलजी वीके सक्सेना ने गुरुवार को एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने हरियाणा और दिल्ली के अधिकारियों से अपील की कि आपस में समन्वय बनाकर यमुना का जीर्णोद्धार करें.
Delhi News: यमुना नदी की सफाई को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (LG Vinai Kumar Saxena) एक्शन में आ गए हैं. उन्होंने दिल्ली और हरियाणा के अधिकारियों से कहा कि यमुना नदी की सफाई और जीर्णोद्धार के लिए शासन स्तर पर किए जा रहे प्रयासों के प्रभाव को बढ़ाने के लिए आपस में समन्वय करेंगे. वहीं उपराज्यपाल ने यमुना की सफाई को राष्ट्रीय मिशन बताया और दोनों राज्यों के अधिकारियों से लक्ष्य हासिल करने के लिए कहा.
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बता दें कि दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर वीके सक्सेना और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (CM Manohar Lal Khattar) के बीच कई दौर की चर्चा के बाद यह बैठक हुई. इसमें एलजी कार्यालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों राज्यों के अधिकारियों ने गुरुवार को नदी के कायाकल्प के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति की बैठक में हिस्सा लिया.
यमुना के जीर्णोद्धार को राष्ट्रीय मिशन बताया
बैठक में हरियाणा और दिल्ली में यमुना नदी में प्रदूषण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा हुई. इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे वीके सक्सेना ने कहा कि यमुना के जीर्णोद्धार को एक राष्ट्रीय मिशन बताया. साथ ही दोनों राज्यों के अधिकारियों से लक्ष्य हासिल करने के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करने को कहा. बयान में कहा गया है कि यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा के अधिकारी उच्च स्तरीय समिति की बैठकों में भाग लेंगे और दिल्ली के अपने समकक्षों के साथ समन्वय में निर्देशों को कार्यान्वित करेंगे.
70% प्रदूषण के लिए हरियाणा जिम्मेदार
वहीं बैठक में एलजी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर को उनके सक्रिय समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और अधिकारियों को संयुक्त दौरे करके निर्बाध समन्वय विकसित करने का निर्देश दिया. बयान में कहा गया है कि यमुना के लगभग 70 फीसदी प्रदूषण के लिए जिम्मेदार नजफगढ़ नाले में 40 फीसदी प्रवाह हरियाणा के गुरुग्राम से निकलने वाले तीन नालों से होता है. बैठक में हिस्सा लेने वालों का विचार था कि दोनों राज्यों द्वारा ठोस प्रयासों की आवश्यकता है, केवल दिल्ली द्वारा उठाया गया कोई भी कदम अपर्याप्त है क्योंकि हरियाणा में स्रोतों से निरंतर प्रदूषण से ऐसा प्रयास निरर्थक हो जाता है.