Chandigarh News: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में सीट बंटवारे को लेकर अभी समझौता नहीं हो पाया है. हरियाणा और पंजाब में लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर I.N.D.I.A गठबंधन के तहत दोनों पार्टियों में बैठकें हो रही हैं. दिल्ली में हुई बैठकों में AAP की ओर से पंजाब में 50-50 के फॉर्मूले के तहत सीटों का कांग्रेस को प्रस्ताव दिया है.


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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार AAP ने हरियाणा में कुरुक्षेत्र, अंबाला और सिरसा लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी लड़ाने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही AAP की तरफ से कांग्रेस के नेताओं को यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि कांग्रेस चाहे तो गोवा और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में अपना फॉर्मूला रख सकती है. आम आदमी पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व कुरुक्षेत्र, अंबाला और सिरसा सीट पर चुनाव लड़ना चाहता है. इसलिए AAP ने कांग्रेस को हरियाणा में 7-3 का फॉर्मूला दिया है. 


इन तीनों सीटों पर चुनाव पार्टी इसलिए भी लड़ना चाहती है, क्योंकि ये सीटें पंजाब से लगती हुई है. पार्टी नेताओं का मानना है कि पंजाब में AAP की सरकार है, जिसका चुनाव में प्रभाव पड़ सकता है. वहीं कुरुक्षेत्र के पिहोवा में पंजाब के CM भगवंत मान की ससुराल है. कुरुक्षेत्र लोकसभा का कैथल जिला भी पंजाब से जुड़ा हुआ है. अंबाला व सिरसा भी पंजाब से सटा हुआ है. अंबाला के कई लोगों की रिश्तेदारियां पंजाब में हैं. सिरसा के फतेहाबाद में भी AAP का अच्छा रसूख है.


वहीं कांग्रेस के  I.N.D.I.A. गठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों के साथ शीट शेयरिंग को लेकर जो पैरामीटर तय किए हैं. उसकी वजह से दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच पेंच फंसना तय है. कांग्रेस ने तय किया है कि जिन लोकसभा सीटों पर 2019 में उसके अपने प्रत्याशी दूसरे स्थान पर रहे, वह सीट किसी दल को नहीं दी जाएगी. ऐसी सभी सीटों पर कांग्रेस अपने कैंडिडेट उतारेगी. 


बता दें कि BJP ने पिछले चुनाव 2019 के लोकसभा चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीती थी और सभी जगह कांग्रेस के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे. इसके आधार पर कांग्रेस ने इस बार भी हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है. वहीं हिमाचल, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान की सभी सीटों पर भी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार उतारने की बात कही है.