Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में जल्द ही विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने वाली है. सोमवार को चुनाव आयोग ने दिल्ली की वोटर्स लिस्ट जारी है. इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया. सीएम आतिशी ने बीजेपी पर वोट घोटाला का आरोप लगाया है. आतिशी का कहना है कि नई दिल्ली विधानसभा सीटों पर वोटों का घोटाला हो रहा है और नई वोटर लिस्ट से चुनाव के परिणाम में बड़ा बदलाव आ सकता है. 



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दिल्ली के मुख्यमंत्री अतिशी ने हाल ही में चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग के बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाता सूची का संशोधन कर रहे थे, तब वोटर बदलने का काम क्यों नहीं किया गया. यह स्पष्ट है कि गलत तरीके से वोट काटने की साजिश चल रही है. अतिशी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि एक साजिश के तहत वोट काटने और जोड़ने का काम हो रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि 10% वोटों को जोड़ने और 5% वोटों को हटाने का काम किया जा रहा है. यह पूरी प्रक्रिया गलत तरीके से की जा रही है, जिससे चुनाव परिणामों में हेरफेर की संभावना बढ़ जाती है.


वोट घोटाले में जांच की आवश्यकता 
अतिशी ने सवाल उठाया कि जब सबूत सबके सामने हैं, तो चुनाव आयोग ने अभी तक कोई जांच क्यों नहीं शुरू की. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में हो रहे मतदाता धोखाधड़ी का विवरण साझा किया है. उनका कहना है कि मतदाताओं के नाम हटाने और जोड़ने की यह प्रक्रिया तुरंत बंद होनी चाहिए.


दिल्ली चुनाव के रिजल्ट में हेरफेर का खतरा
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर चुनाव में पहले समरी रिवीजन होता है. इस बार 29 नवंबर तक यह प्रक्रिया चली, जिसके बाद हजारों आवेदन वोटर को जोड़ने और हटाने के लिए आए. 15 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच 10 हजार वोटर जोड़ने का आवेदन आया, जबकि उस विधानसभा में केवल 1 लाख वोटर हैं. अतिशी ने कहा, इससे सारे रिजल्ट में हेरफेर हो जाएगा.


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वोट डिलीट करने की आवेदन
उन्होंने यह भी बताया कि 29 अक्टूबर से 2 जनवरी के बीच 6 हजार से अधिक वोट डिलीट करने के लिए आवेदन आए हैं. इसका मतलब है कि गलत तरीके से वोटर्स का नाम हटाया जा रहा है.


चुनाव आयोग के अधिकारियों पर उठे सवाल 
अतिशी ने कहा कि 84 लोगों ने वोट्स हटाने का आवेदन दिया, लेकिन जब चुनाव आयोग ने उन्हें बुलाया, तो उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने एक भी आवेदन नहीं दिया. इससे स्पष्ट होता है कि नई दिल्ली विधानसभा में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जा रही है. इस मामले में चुनाव आयोग के अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद है और अब तक कोई जांच के आदेश नहीं दिए गए हैं.