Haryana Election 2024: हरियाणा में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में हरियाणा की 10 सीटों पर 5 में BJP और 5 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली है, जबकि इससे पहले 2019 के चुनाव में BJP को सभी 10 सीटों में जीत मिली थी. हरियाणा में कांग्रेस से वोट शेयर मे इजाफा हुआ है तो वहीं जननायक जनता पार्टी (JJP) को सभी सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा. विधानसभा चुनाव से पहले आए इन नतीजों ने JJP की चिंता  बढ़ा दी है. 


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JJP उम्मीदवारों की जमानत जब्त
हरियाणा लोकसभा चुनाव में JJP को सभी सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा. पार्टी के कैंडिडेट अपनी जमानत तक नहीं बचा पाए. यही नहीं JJP को वोट शेयर, इनेलो औरप बसपा से भी कम रहा. लोकसभा चुनाव में JJP का वोट शेयर महज  0.87 फीसदी रहा, जिसने दुष्यंत चौटाला की टेंशन बढ़ा दी है. 


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2018 में बनी पार्टी 
जेजेपी इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के विभाजन से बनी पार्टी है. साल 2018 में दुष्यंत चौटाला और उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला को इनेलो से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद दुष्यंत चौटाला ने  जननायक जनता पार्टी (JJP) बनाई. 


2019 विधानसभा चुनाव
साल 2019 के विधानसभा चुनाव में JJP को हरियाणा की 90 में से 10 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी, जिसके बाद BJP-JJP ने मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई. इस सरकार में दुष्यंत चौटाला को डिप्टी सीएम बनाया गया. हालांकि, ये गठबंधन 5 साल तक नहीं चल पाया और लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग को लेकर हुए विवाद के बाद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन टूट गया. 


विधायकों की बगावत
वोट शेयर कम होने के साथ ही JJP के विधायक भी बगावत करके अलग-अलग पार्टियों में शामिल हो चुके हैं. साल 2019 में 10 सीटों में जीत हासिल करने वाली JJP के पास अब केवल 4 विधायक ही बचे हैं. 6 विधायक बगावत करके दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए हैं. 


छिन सकता है क्षेत्रीय दल का दर्जा
लोकसभा चुनाव के बाद आगामी विधानसभा चुनाव में JJP की साख दाव पर है. अगर पार्टी के प्रदर्शन में सुधार नहीं होता तो JJP से क्षेत्रीय दल का दर्जा छिन सकता है. नियमानुसार, किसी भी राजनीतिक पार्टी को मान्यता प्राप्त राज्यीय (क्षेत्रीय) दल के रूप में दर्जा प्राप्त करने और कायम रखने के लिए विधानसभा के आम चुनाव में न्यूनतम 6 फीसदी वोट ओर दो सीटें जीतनी जरूरी होती हैं. अगर ऐसा नहीं होता तो पार्टी की मान्यता छिन सकती है.