बीते रविवार को देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के यमुनानगर में रहने वाले एक मधुमक्खी पालक साथी रहते हैं जिनका नाम सुभाष कंबोज जी हैं. उन्होंने वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण लिया. इसके बाद उन्होंने केवल 6 बॉक्स के साथ अपना काम शुरू किया था. आज वो करीब दो हजार बक्सों में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं और उनका शहद कई राज्यों में सप्लाई होता है और उन्होंने हरियाणा के साथ-साथ देश का नाम भी रोशन किया है.
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कुलवंत सिंह/यमुनानगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा "मन की बात" में हरियाणा के यमुनानगर के सुभाष कंबोज जोकि शहद का कार्य करते हैं. उन्होंने यमुनानगर का नाम रोशन किया है. सुभाष कंबोज के गांव हबसपुर में पहुंचकर उनसे जाना कि शहद के क्षेत्र में कितने सालों से काम कर रहे हैं और किस तरह से फायदा हो रहा है देखिए इस रिपोर्ट में.
पिछले 26 सालों से सुभाष किसान कर रहा शहद का काम
यमुनानगर के गांव हबसपुर में रहने वाले किसान सुभाष कंबोज ने आज से लगभग 26 साल पहले मधुमक्खी के 6 बॉक्स से काम करके आज उन्होंने 2000 बॉक्स से ऊपर अपना कारोबार देश में फैला दिया है. जब उनसे इस बारे पूछा कि वह इस क्षेत्र में कैसे कार्य करते हैं तो उन्होंने बताया कि वह एक फिजिकल एजुकेशन के टीचर थे उस समय उन्होंने अपने घर में शहद खाने के लिए 6 बॉक्स मंगवाए और उनमें मधुमक्खी पालन शुरू कर दिया.
उन्होंने बताया कि जिसके चलते धीरे-धीरे बॉक्स बढ़ते गए और साथ-साथ शहद का कारोबार भी देश में फैलने लगा और आज पूरे देश में इनका कारोबार फैल चुका है. इतना ही नहीं कई राज्य में जाकर मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग भी दी है. जो कि लगभग साढे तीन हजार किसानों को अब तक ट्रेनिंग दे चुके हैं.
मध्यम वर्गीय किसान है सुभाष कंबोज
सुभाष कंबोज के घर में उनकी पत्नी के साथ उनका एक बेटा और एक बेटी हैं जो कि अभी पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं पर उनका बेटा बीटेक की पढ़ाई करने वाला युवक आज अपने पापा के साथ शहद के कारोबार में हाथ बढ़ाने का कार्य कर रहा है और युवाओं के लिए एक प्रेरणादायक भी बन चुका है. वही मध्यम वर्गीय परिवार में पले एक छोटे से किसान सुभाष कंबोज ने शहद के कारोबार से अपने क्षेत्र व जिले का नाम रोशन कर दिया.
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बता दें कि जब देश के प्रधानमंत्री ने बीते रविवार को "मन की बात " में उनका नाम लेकर कहा कि हरियाणा के यमुनानगर में एक किसान भाई सुभाष कंबोज जो कि शहद का कार्य करते हैं और आज देश में उनका नाम है.
फिजिकल एजुकेशन सरकारी टीचर की नौकरी छोड़ किया शहद का काम
आपको बता दें कि जब प्रधानमंत्री की "मन की बात" बारे सुभाष कंबोज से बात कि तो उन्होंने बताया कि वह फिजिकल एजुकेशन के टीचर थे और उन्होंने नौकरी करते समय मधुमक्खी के छह डिब्बे अपने घर पर रखे थे ताकि वह उनसे शुद्ध शहद खा सकें. उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने इसकी जानकारी ली और इसी कार्य की तरफ बढ़ते चले गए और आज 6 बॉक्स से दो हजार से ज्यादा बॉक्स में मधुमक्खी पालन का कार्य कर रहे हैं और लाखों रुपए की आमदनी हो रही है, जिसके साथ-साथ देश में भी सुभाष कंबोज का नाम रोशन हो रहा है. उन्होंने प्रधानमंत्री का बहुत-बहुत धन्यवाद किया कि पूरे देश में उन्होंने उनके कारोबार के बारे में जिक्र किया.