MCD Election 2022: क्या हैं मुद्दे, जीत की इस सियासी जंग में किसका पलड़ा भारी, कुड़े का पहाड़ या भ्रष्टाचार पर वार
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MCD Election 2022: क्या हैं मुद्दे, जीत की इस सियासी जंग में किसका पलड़ा भारी, कुड़े का पहाड़ या भ्रष्टाचार पर वार

MCD Election 2022: दिल्ली नगर निगम चुनाव (MCD Election 2022) की तारीख का ऐलान कर दिया गया है. 4 दिसंबर, 2022 को वोट डाले जाएंगे और 7 दिसंबर को नतीजा आएंगे. 4 दिसंबर को इस बार दिल्ली की जनता दिल्ली की साफ-सफाई के लिए वोट देगी. इस बार दिल्लीवासी नगर निगम में भी AAP को चुनेगी या किसी और को ये तो आने वाला वक्त ही बताएंगा, लेकिन उससे पहले जानते हैं MCD चुनाव के अधिकार और इससे जुड़ी खास बातें.

MCD Election 2022: क्या हैं मुद्दे, जीत की इस सियासी जंग में किसका पलड़ा भारी, कुड़े का पहाड़ या भ्रष्टाचार पर वार

नई दिल्ली/शंकरेश कुमार: दिल्ली नगर निगम चुनाव में सियासी दलों ने बिगुल फूंक दिया है. जहां आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरिवाल ने 10 गारंटी का ऐलान कर दिया है, वहीं MCD में काबिज बीजेपी ने बीते दिनों अपना वचन पत्र जारी किया. इसे मुख्य घोषणा पत्र का एक ट्रेलर समझा जा रहा है. इस बार में नगर निगम चुनाव में स्वच्छता/ कूड़े का पहाड़, स्वास्थ्य, शिक्षा, कॉलोनी की सड़कें, रोजगार, भ्रष्टाचार, अवारा पशु, पार्किंग, पार्कों की स्थिति, क्षेत्र में वार्ड पार्षद और निगम अधिकारियों की सक्रियता, महंगाई, शराब नीति एवं केंद्र और राज्य सरकार सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन मुख्य चुनावी मुद्दे बनते दिख रहे हैं.

वहीं MCD में ज्यादा से ज्यादा सीट दर्ज करने के लिए कुड़े के पहाड़ और MCD में भ्रष्टाचार को बड़े मुद्दे के रूप में सामने रख रही हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पिछले 15 सालों के काम का लेखा-जोखा, नए परिसीमन और दिल्ली में आप सरकार पर तमाम आरोपों के जरिए बीजेपी क्या MCD में फिर से वापस कर पाएगी. एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के चेहरे का इस्तेमाल कर आम आदमी पार्टी बीजेपी से सीधा मुकाबला करने को तैयार है तो वहीं दिल्ली बीजेपी ने अपने शानदार रणनीति और तमाम बड़े नेताओं को MCD के सियासी मैदान में उतार दिया है.

कांग्रेस पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के 15 साल के कामकाज के जरिये  'मेरी चमकती दिल्ली', मेरी कांग्रेस वाली दिल्ली, शीला दीक्षित वाली दिल्ली स्लोगन के साथ मैदान में सक्रिय दिख रही हैं. इसके अलावा, AIAIM, जेडीयू और बसपा जैसे राजनीतिक दल भी सक्रिय हैं.

AAP ने 10 गारंटी का किया ऐलान  

- सुंदर दिल्ली बनाएंगे

- कुड़े के पहाड़ों को खत्म करेंगे

- भ्रष्टाचार मुक्त एमसीडी होगी

- आवार पशुओं से मुक्ति का ऐलान

- नगर निगम की गलियों को सही करवाएंगे

- नगर निगम स्कूल और अस्पताल ठीक करवाएंगे

- नगर निगम के सारे पार्क को शानदार बनाएंगे

- सारे कच्चे कर्मचारी को पक्का किया जाएगा

- व्यापारियों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान बनाएंगे

- रेडी-पटरी वालों को वैंनिंग जोन बनाएंगे, उनको भी भष्ट्राचार से मुक्त बनाएंगे

बीजेपी के वचन पत्र में क्या है

दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता, सांसद मनोज तिवारी और एमसीडी चुनाव प्रबंधन समिति के प्रमुख आशीष सूद द्वारा जारी ‘वचन पत्र’ (प्रतिज्ञा पत्र) में हाल ही में कालकाजी में झुग्गीवासियों को दिए गए फ्लैटों की तस्वीरें थीं. प्रधानमंत्री ने विज्ञान भवन में आयोजित एक समारोह में भूमिहीन कैंप स्लम के लाभार्थियों को EWS फ्लैटों की चाबियां सौंपी थी, जिसको लेकर मनोज तिवारी ने कहा था भाजपा झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों को ‘वचन पत्र’ बांटेगी. वाचन पत्र में एक फॉर्म होता है जिसे वे भरेंगे और भाजपा कार्यकर्ता उन्हें संबंधित विभागों में जमा करेंगे फिर झुग्गीवासियों को घर दिया जाएगा. राष्ट्रीय राजधानी में नागरिक सुविधाओं में सुधार किए जाने का ऐलान. नगर निकाय को मजबूत किए जाने का ऐलान और कचरे के निपटान को लेकर ऐलान किया.

बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन-सीटू झुग्गी पुनर्वास परियोजना के तहत दिल्ली के कालकाजी में फ्लैट्स का उद्घाटन किया था. इस दौरान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को 3,024 नवनिर्मित फ्लैटों की चाबियां पीएम मोदी ने खुद सौंपी थी. तो वहीं, दूसरी तरफ सीएम अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में 'महिला मोहल्ला क्लीनिक' का उद्घाटन किया था. अभी चार महिला मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की गई है. उन्होंने बताया कि पहले फेज में 100 ऐसे क्लीनिक खोले जाएंगे. महिला मोहल्ला क्लीनिक में दवाइयां और महिलाओं से जुड़े सभी टेस्ट मुफ्त होंगे.

आम आदमी पार्टी लगातार कुड़े के पहाड़ को मुद्दा बना रही है.

बीते दिनों आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी दिल्ली नगर निगम (MCD) चुनाव में कचरे के 'कुप्रबंधन' का मुद्दा उठाएगी और भाजपा को जवाब देना होगा कि राजधानी में कूड़े के पहाड़ अभी तक साफ क्यों नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि आप 8 नवंबर से 20 नवंबर तक जनसभाएं करके कूड़े का मुद्दा उठाएगी. इसी के साथ ‘कूड़े का जनसंवाद’ अभियान की शुरुआत करते हुए ‘आप’ नेता ने कहा कि एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली में कूड़े के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करेगी. हम हर बूथ पर कई जनसभाएं करेंगे और इस मुद्दे को उठाएंगे. हमने 600 प्रवक्ता तैयार किए हैं जिन्हें इस मुद्दे को उठाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. उनमें से कोई भी चुनाव नहीं लड़ रहा है. प्रवक्ता इस मुद्दे पर जनता से चर्चा करेंगे और उनकी प्रतिक्रिया लेंगे.

लोगों से करेगी प्रश्न

1. घर के बाहर कूड़ा है?

2. क्या BJP के 3 कूड़े के पहाड़ देखे हैं?

3. क्या Market-Office के बाहर कूड़ा है?

4. BJP हर विधानसभा में कूड़े का पहाड़ बना रही

5. कूड़े की सफाई कौन करेगा?

6. कूड़े के नाम से ही BJP को करंट लगता है।

7. लेकिन अब हर गली-मोहल्ले में 'कूड़े' पर जवाब देना होगा

8. जनता ने तय कर लिया Delhi की सफाई कौन करेगा?

9. 15 साल में 3 कूड़े के पहाड़ देने वाली BJP

कूड़े पर जनसंवाद

अरविंद केजरीवाल ने साफ कर दिया है कि MCD चुनाव कचरे के मुद्दे पर लड़ा जाएगा. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा कि पिछले 15 साल में BJP ने पूरी दिल्ली में कूड़ा फैला दिया है, कूड़े के पहाड़ बना दिए हैं. 4 दिसंबर को इस बार दिल्ली की जनता दिल्ली की साफ-सफाई के लिए वोट देगी. दिल्ली को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए वोट देगी. इस बार दिल्लीवासी नगर निगम में भी AAP को चुनेंगे.

बीते महीने पूर्वी दिल्ली सांसद गौतम गंभीर ने ट्वीट करते हुए कहा था कि मैं 2019 से 8 बार गाजीपुर पहाड़ पर गया और बार-बार बुलाने पर भी मुख्यमंत्री नहीं आये! चुनावी मेंढक आसमां देख कर निकलते हैं, तकलीफ देख कर नहीं. वहीं, बीते महीने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली की तीन लैंडफिल साइट्स से कूड़ा न उठा पाने पर दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया. वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आप के तीन नेताओं ने दावा किया कि नगर निगम दिल्ली में 16 नई लैंडफिल साइटों का निर्माण करना चाहता है.

इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट कर दिल्ली नगर निगम और भाजपा पर निशाना साधा. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कूड़े के पहाड़ों को लेकर ट्वीट करते हुए कि दिल्ली में 16 और कूड़े के पहाड़ हो गए तो दिल्ली कूड़े का शहर बन जाएगी. हम दिल्ली को तिरंगों का शहर, झीलों का शहर, बगीचों का शहर, अच्छे स्कूलों का शहर, अच्छे अस्पतालों का शहर बना रहे हैं. ये लोग दिल्ली को कूड़े का शहर बनाने पर तुले हैं. हर कॉलोनी में कूड़े का पहाड़ बनाना चाहते हैं.

बता दें कि दिल्ली की तीनों लैंडफिल साइट से हर रोज औसतन 5,315 टन कचरा हटाया जाता है. वहीं इन लैंडफिल साइटों में 4931 टन कचरा हर दिन फेंका भी जाता है. यानी हर साल 1.8 मिलियन टन कचरा पहाड़ों के आकार को और बड़ा कर देता है. दिल्ली के तीनों लैंडफिल साइटों पर कुल 27.6 मिलियन टन कचरा है. 34 महीने पहले यह 28 मिलियन टन था. इतने महीनों में कचरों की सफाई में केवल मामूली सी गिरावट आई है. इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली नगर निगम ने आवास और शहरी मंत्रालय को करीब 1,864 करोड़ रुपये की लागत का एस्टीमेट भेजा.

बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के काम को भुनाने में लगी है.

कोरोनाकाल में कूड़े का डोर-टू डोर कलेक्शन, विपक्ष नदारद, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राशन वितरण और जनता के सामने 15 साल में किए गए कामों का ब्योरा बीजेपी के लिए मजबूत पक्ष साबित हो सकते हैं. वहीं, बड़ी इलेक्शन मशीनरी और बड़ा संगठनात्मक कौशल, हर बूथ पर पंचपरमेश्वर, चुनाव के समय RSS का हर बूथ पर लगना, ब्रांड मोदी, कथित शराब घोटाला, सिसोदिया और सत्येंद्र जैन पर जांच एजेंसी का शिकंजा और ताबड़तोड़ प्रचार के जरिये बीजेपी जीत दर्ज करने की कोशिश में है.

कांग्रेस 15 साल पुरानी चमकती दिल्ली के जरिए आने की कोशिश में

2007 के बाद से निगम में कभी भी अपना दबदबा ना बना पाई कांग्रेस इस बार शीला दीक्षित के 15 साल के कामकाज को लेकर दिल्ली की जनता के बीच जाने की तैयारी में हैं. कांग्रेस का स्लोगन है. 'मेरी चमकती दिल्ली', मेरी कांग्रेस वाली' दिल्ली, शीला दीक्षित वाली दिल्ली. इसी के साथ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व का बदलना और मल्लिकार्जुन खड़गे का कांग्रेस अध्यक्ष बनना, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और भ्रष्टाचार के जरिए आम आदमी को घेरना, इन्हें  कांग्रेस अपनी ताकत मान रही है. वहीं कांग्रेस के नेताओं का एक ना होना, नेताओं में आपसी गुटबाजी और आम आदमी पार्टी के पाले में गए अल्पसंख्यक समाज वापस लाना कांग्रेस के लिए चुनौती बनी हुई है.

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स्वच्छताः घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करना. फिक्स्ड कम्पैक्टर स्टेशन (कूड़े की समस्या से छुटकारा, लैंड फिल साइटस के कूड़े/मलवे को हाइवे के निर्माण में इस्तेमाल. दिल्ली को मलवा मुक्त करने हेतु सी. एण्ड डी वेस्ट प्लांट स्थापित. वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाकर लैंण्ड फिल साइट का भरकम करना. आधुनिक मशीनों द्वारा सफाई की प्राथमिकता. सभी मार्केट की नाइट क्लीनिंग सफाई व्यवस्था सुनिश्चित. सभी मार्केट एवं पूरी दिल्ली में विश्वस्तरीय शौचालय का निर्माण, जो बिजली, पानी एवं सफाई कर्मचारी से युक्त हो. सभी वार्डो में सफाई कर्मचारियों के लिए रेस्ट रूम स्थापित. दिल्ली के संपूर्ण ड्रेनेज सिस्टम का नवीकरण कर विश्वस्तरीय बनाना.

शिक्षाः- निगम के विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम, अंग्रेजी एवं कंप्यूटर की शिक्षा, प्राइवेट स्कूलों एवं निगम स्कूलों की भागीदारी से एडॉप्शन योजना लागू. निगम के विद्यालयों में विद्यार्थियों हेतु पूर्ण स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा लागू. मई 2022 में दिल्ली महिला आयोग की टीम ने दिल्ली नगर निगम के स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान स्कूलों की बदहाली का खुलासा हुआ. टीम ने पाया कि निगम के स्कूलों में सुरक्षा गार्ड और CCTV नहीं हैं. अरूणा नगर और भाटी माइंस में निगम के स्कूलों की इमारतें जर्जर हैं. बच्चे जर्जर इमारतों के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूलों में शौचालय बंद होने से बच्चों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है.

सड़कः- नगर निगमों के अंतर्गत आने वाली सभी कोलतार को बारम्बार टूटने से बचाने हेतु रेडी-मिक्स कंक्रीट की सड़कों का निर्माण.

स्वास्थ्यः- डेंगू, चिकनगुनिया कितना खत्म हुआ. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को वर्चुअल कंसल्टेंसी फैसिलिटी उपलब्ध कराएंगे तथा उन्हें बड़े अस्पतालों से जोड़े जाने का वादा. 100 प्रतिशत टीकाकरण के द्वारा टिट्नस, काली खांसी, खसरा, वूपिंग-कफ, डिप्थीरिया आदि रोगों को जडसे समाप्त किए जाने का वादा. नागरिकों को स्थाई हेल्थ कार्ड जारी. अस्पताल में प्रसव और पोषाहार सहित महिलाओं और बच्चों को हर मेडिकल सुविधाएं उपल्बध. आयुष प्रणाली की चिकित्सा को मुख्य धारा में लाना.

भ्रष्टाचारः- कोई नया कर नहीं लगाएंगे, लेकिन सारी सुविधा हर घर-हर गली तक पहुंचे ये सुनिश्चित करेंगे. पूर्णतः डिजिटलाइजेशन (Digital by Default) निगम कार्यालय में जाने की आवश्यकता न हो. सभी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध. सभी प्रकार के लाइसेंस सिंगल विन्डो से न्यूनतम दस्तावेज पर तुरन्त उपलब्ध. हाउस टैक्स पेयर (करदाता) के लिए यूनिक प्रपर्टी आईडेंटिफिकेशन कार्ड (यूपिक कार्ड) निगम से सभी को निर्गत करना जिससे की सभी हाउस टैक्स संबंधित जानकारियां ऑनलाइन उपलब्ध हो सके. औद्योगिक क्षेत्र में लघु उद्योग को फैक्ट्री लाइसेंस से मुक्त करने का वादा. सभी रेहड़ी-पटरीवालों का पथ विक्रेता आजीविका सुरक्षा अधिनियम 2014 के अन्तर्गत पक्का रजिस्ट्रेशन का वादा. इससे अफसरशाही एवं भ्रष्टाचार को समाप्त करने और सभी रेहड़ी-पटरीवालों को बिना जमानत के बैंक से लोन मिल सकता है.

अवारा पशुः- बंदरों को आवासीय कॉलोनियों से विस्थापित कर संरक्षित वनों में छोड़े जाने का वादा. अवारा कुत्तों की जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए विशेष कार्यक्रम. सड़क पर घूम रहे मवेशियों को पशु शालाओं में भेजना था.

पार्किंगः-  ऑटो और टैक्सी के लिए शौचालय युक्त स्टैंड का निर्माण. आवासीय क्षेत्र में व्यवस्थित पार्किंग एवं यातायात व्यवस्था को सुगम बनाना.

रोजगारः- दिल्ली के नागरिकों के लिए दूध और डेयरी उत्पादों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दिल्ली नगर-निगम उपयुक्त स्थानों पर डेयरी कॉलोनियां विकसित करने का वादा. स्टार्टअप इंडिया योजना के अन्तर्गत महिलाओं द्वारा प्रारंभ किए गए व्यवसायों को प्रोत्साहित करने का वादा.  सभी साप्ताहिक बाजारों को सुविधाएं तथा बाजारों में आना वाले व्यापारियों एवं ग्राहकों के लिए विशेष योजनाएं. निगम के सभी अस्थाई सफआईकर्मियों को नियमित. निगम के अन्य विभागों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, यात्रिकी आदि में भी अस्थाई रूप से कार्य कर रहे कर्माचरियों के नियमितिकरण की प्रक्रिया.

महंगाईः- दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना लागू, जिसके अन्तर्गत 10 रुपये में भोजन की थाली उपलब्ध.

पार्कों की स्थितिः- पार्कों को विश्वस्तरीय बनाया जाना था और उनमें बच्चों के लिए विशेष प्रबंध किया जाना था.

श्मशानः- आधुनिक प्रदूषण रहित शवदाह गृह विकसित करने का वादा. श्मशानों में प्रार्थना हॉल, पार्किंग सुविधा, पेयजल, प्रसाधन, बागवानी, शव प्रच्छालन आदि का भी पुख्ता प्रबंध किया जाएगा.

सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयनः- नगर निगमों का फंड नगर निगमों को ही मिले इसके लिए हम प्रयास करेंगे कि कानूनी तौर पर जो राशि निगमों को देय है उसे दिल्ली की सरकार तुरंत रिलीज करे. यदि दिल्ली सरकार निगमों को देय राशि नहीं देती है तो केंद्र सरकार उसे सीधे निगमों को दे और दिल्ली सरकार को केंद्र द्वारा दी जाने वाली राशि में से उसे काट ले इसका रास्ता निकालेंगे.

जन प्रतिनिधि की सक्रियताः- क्षेत्र में वार्ड पार्षद और निगम अधिकारियों की सक्रियता, सभी वार्डों में पार्षद और निगम अधिकारियों के साथ आर. डब्लू. ए की अनिवार्य मासिक बैठक.

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