नई दिल्ली : राजधानी में एमसीडी चुनाव की आहात के बीच पूर्व महापौर जय प्रकाश ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मौकापरस्त इंसान बताया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल को देश में कहीं भी चुनाव दिखाई देता है, वहीं जनता को झांसा देने पहुंच जाते हैं. अब उन्हें दिल्ली की लैंडफिल साइट नज़र आई है जिससे वह राजनीति चमकाना चाहते हैं.  


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जय प्रकाश ने बताया कि गत दिनों एनजीटी ने दिल्ली सरकार पर 900 करोड़ रुपये का जुर्माना ही सिर्फ इसलिए ही लगाया, क्योंकि दिल्ली सरकार ने दिल्ली नगर निगम को लैंडफिल साइट के निस्तारण के लिए फंड नहीं दिया था. उन्होंने कहा केजरीवाल को दिल्ली की लैंडफिल साइट तब नजर आती है, जब उन्हें अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को पूरा करना होता है.


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उन्होंने बताया कि दिल्ली में कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली नगर निगम कड़े प्रयास कर रही है. लैंडफिल साइट पर कूड़े को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने ट्रोमेल मशीनों के लिए फंड उपलब्ध करवाया है. सभी लैंडफिल साइट  पर दिन रात 45 ट्रोमेल मशीनें कार्य कर रही हैं और दिल्ली नगर निगम ने तीनों लैंडफिल साइटों से 77 लाख मीट्रिक टन कचरे का निस्तारण किया है और कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई को लगभग 30 मीटर तक कम किया है. विभिन्न हितधारकों द्वारा 21000 मीट्रिक टन इनर्ट और सीएवंडी कचरा निशुल्क उठाया गया है. सीमेंट उद्योग द्वारा प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन आरडीएफ उठाया जा रहा है.


जय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली को कूड़ा मुक्त बनाने के लिए और कूड़े के प्रबंधन की दिशा में दिल्ली नगर निगम द्वारा 482 ढलावों को बंद कर दिया गया है. इनके स्थान पर लाइब्रेरी व मनोरंजन केंद्र बनाने का कार्य किया जा रहा है. दिल्ली नगर निगम के 14000 ऑटो टिप्परों से घर- घर से कूड़ा उठाया जा रहा है. दिल्ली सरकार कूड़े पर सियासत तो करती है, लेकिन कूड़ा प्रबंधन के लिए दिल्ली निगम निगम को पैसे नहीं देती. तेहखंड स्थित वेस्ट टू एनर्जी संयंत्र के उद्घाटन के साथ ही निगम की कचरा निस्तारण की क्षमता 8250 मीट्रिक टन प्रतिदिन हो जाएगी, जोकि दिल्ली से प्रतिदिन निकलने वाले कूड़े का 75% है. निकट भविष्य में 175 मीट्रिक टन क्षमता के एमआरएफ स्थापित होने के बाद निगम की कचरा निस्तारण की क्षमता बढ़ जाएगी. 


जय प्रकाश ने बताया कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की जिम्मेदारी है कि दिल्ली नगर निगम को शहर में सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए फंड उपलब्ध करवाए, मगर केजरीवाल सरकार सिर्फ और  सिर्फ राजनीतिक महत्वकांक्षाओं को सर्वोपरि रखती है. उन्होंने तंज कसा कि केजरीवाल जहां चुनाव होते हैं वहीं दिखाई देते हैं. कुछ दिनों बाद वो गुजरात में दिखाई देंगे, फिर हिमाचल प्रदेश में और फिर हो सकता है उन्हें दिल्ली के नागरिकों की याद आ जाए. उन्होंने कहा कि केजरीवाल कूड़े पर सियासत करना छोड़ें और बताएं आखिर वे जुर्माने के 900 करोड़ रुपये कब देंगे. निगम का बकाया कब देंगे, ताकि नगर निगम अपना काम अच्छे से कर सकें.