New SIM Card: मोबाइल फोन या मोबाइल, इसे सेलफोन और हाथफोन के अलावा इसे कई नामों से बुलाया जाता है. मोबाइल फोन का आविष्कार मार्टिन कूपर ने किया था, लेकिन जब से फोन का अविष्कार हुआ है तब से मोबाइल सिम कार्ड (Mobile Sim Card) आसानी से मिल जाता है. मगर सिम कार्ड खरीदने वालों के अब दिल बहुत ही जल्द लदने वाले हैं. क्योंकि सिम कार्ड की धोखाधड़ी को रोकने के सरकार हासिल करने के नियमों को कड़े करने जा रही है.


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वर्तमान में आप इन 21 21 डॉक्यूमेंट्स में से किसी एक को दिखाकर नया सिम ले सकते थे. मगर अब सरकार ने इन डॉक्यूमेंट्स की संख्‍या 5 कर दी है और नया नियम जल्‍द ही लागू कर दिया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार द्वारा लागू किए जाने वाले इस कदम से फर्जी दस्तावेजों से सिम कार्ड खरीदने वाले लोगों की अब से मुश्कि बढ़ने जा रही है. इतना ही नहीं सरकार KYC की प्रक्रिया को बी कड़ी करने का प्लान बना चुकी है. सिम से संबंधित नए नियम 10 से 15 दिनों में लागू हो सकते हैं.


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इन दस्‍तावेजों से मिलता है SIM


बताते चले कि, वर्तमान में देश में सिम कार्ड को खरीदने के लिए इन 21 दस्तावेजों में से किसी भी एक जरूरत होती था, जैसेः- आधार कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, आर्म्स लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, राशन कार्ड, MP या MLA की चिट्ठी, पेंशनर कार्ड, फ्रीडम फाइटर कार्ड, किसान पासबुक CGHS कार्ड, फोटो क्रेडिट कार्ड जैसे दस्तावेजों की मदद से सिम कार्ड मिल जाता है.


अब इन 5 डॉक्‍यूमेंट्स पर मिलेगा SIM


आपको बता दें कि देशभर में सिम कार्ड के इस्तेमाल करने से धोखाधड़ी, आपराधिक घटनाओं की वारदात लगातार बढ़ती जा रही है और सरकार इसे रोकने के लिए सिम कार्ड को आसानी से खरीदने के नियमों को बदलने जा रही है. आने वाले दिनों में कोई भी व्यक्ति सिर्फ आधार, वोटर कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड और बिजली बिल से ही सिम कार्ड हासिल कर सकेगा.


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बैंक खाता खुलवाना भी नहीं होगा मुश्किल


आपको बता दें कि सरकार नया बैंक अकाउंट खुलवाने पर सख्त नियम लागू कर सकती है. अभी तक कोई भी बैंक में नया अकाउंट खुलवाने के लिए ऑनलाइन ई-KYC के जरिए आधार से डिटेल्स लेकर उसको वैरिफाइ किया जाता है. मगर इसको लेकर केंद्र सरकार बहुत ही जल्द फिजिकल वैरिफिकेशन अनिवार्य कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, बीते कई सालों से बैंकों में फ्रॉड के मामले तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं. तो वहीं, RBI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में ऐसे मामलों में फंसी राशि 41, 000 करोड़ रुपये थी.