Munawwar Rana Death: मशहूर शायर मुनव्वर राणा का रविवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. 71 साल की उम्र में मुनव्वर ने लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली, वो काफी समय से बीमार थे. मुनव्वर का अंतिम संस्कार उत्तर प्रदेश के रायबरेली में किया जाएगा. 


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किडनी और हार्ट की बीमारी
मुनव्वर राणा को किडनी और हार्ट की संबंधित कई बीमारियां थीं. इससे पहले भी मुनव्वर को लखनऊ के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उनकी हालात इतनी ज्यादा खराब थी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था. मिली जानकारी के अनुसार, 9 जनवरी को एक बार फिर उन्हें तबियत बिगड़ने के बाद लखनऊ PGI में भर्ती कराया गया था, जहां वो ICU में थे. तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था. 


उत्तर प्रदेश में हुआ जन्म
26 नवंबर 1952 को मुनव्वर राणा का जन्म उत्तर प्रदेश के रायबरेली में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. भारत विभाजन के बाद उनके ज्यादातर रिश्तेदार पाकिस्तान चले गए, लेकिन मुनव्वर का परिवार भारत में ही रहा. कुछ समय बाद मुनव्वर का परिवार कोलकाता में शिफ्ट हो गया. मुनव्वर का बचपन कोलकाता में ही बीता. बाद में वो लखनऊ में रहने लगे. 


कविताओं, गजलों से मिली प्रसिद्धि
मुनव्वर राणा हिंदी, उर्दू और अवधी भाषा के प्रमुख कवि थे. साथ ही उनकी लिखी गजलें भी लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उनकी सबसे प्रसिद्ध कविता 'मां' है. उर्दू साहित्य में मुनव्वर के योगदान के लिए उन्हें साल 2012 में शहीद शोध संस्थान द्वारा माटी रतन सम्मान (Maati Ratan Samman) और साल 2014 का साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) भी दिया जा चुका है. इसके अलावा उन्हें अमीर खुसरो पुरस्कार, मीर तकी मीर पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, डॉ. जाकिर हुसैन पुरस्कार और सरस्वती समाज पुरस्कार से भी नवाजा गया. हालांकि, बाद में उन्होंने साहित्य अकादमी पुरस्कार  को वापस भी कर दिया था. 


विवादों से पुराना नाता
राम मंदिर पर फैसला, CM योगी के चुनाव जीतने, किसान आंदोलन,  सहित कई मुद्दों को लेकर मुनव्वर राणा विवादों में रहें. राम मंदिर पर फैसला आने के बाद मुनव्वर राणा ने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर सवाल उठाया था. 


- साल 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान मुनव्वर राणा ने कहा था कि अगर CM योगी दोबारा UP के मुख्यमंत्री बन गए तो मैं उत्तर प्रदेश छोड़कर कोलकाता चला जाऊंगा. 


- किसान आंदोलन के दौरान मुनव्वर राणा एक ट्वीट को लेकर काफी विवादों में रहें, जिसमें उन्होंने संसद को गिरा कर खेत बनाने की बात लिखी थी.