Haryana: हरियाणा में अब सैनी की सरकार, खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद नायब सिंह ने ली CM पद की शपथ
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana2153180

Haryana: हरियाणा में अब सैनी की सरकार, खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद नायब सिंह ने ली CM पद की शपथ

Nayab Singh Saini CM Oath: मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के चलते हरियाणा में ये सत्ता परिवर्तन हुआ है.

Haryana: हरियाणा में अब सैनी की सरकार, खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद नायब सिंह ने ली CM पद की शपथ

Nayab Singh Saini CM Oath: मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही हरियाणा के नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के चलते हरियाणा में ये सत्ता परिवर्तन हुआ है. खट्टर के इस्तीफा देने के कुछ ही देर बाद हरियाणा में भाजपा अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुन लिया गया था.

सैनी के साथ पांच मंत्रियों ने ली शपथ

सैनी के साथ कंवरपाल गुर्जर ने भी मंत्री पद की शपथ ली. गुर्जर यमुनानगर की जगाधरी सीट से विधायक हैं. कंवरपाल के साथ मूलचंद शर्मा ने भी सैनी कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली. मूलचंद शर्मा बल्लभगढ़ से विधायक हैं. पिछली सरकार में मंत्री रहे रणजीत सिंह चौटाला ने भी मंत्री पद की शपथ ली. बता दें कि रणजीत सिंह निर्दलीय विधायक हैं. गौर करने वाली बात यह है कि रणजीत सिंह भारत के पूर्व उप प्रधानमंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत देवी लाल चौटाला के बेटे हैं. इसके साथ ही जयप्रकाश दलाल और डॉ. बनवारी लाल ने भी हरियाणा सरकार में मंत्री पद की शपथ ली. मुख्यमंत्री सैनी के साथ कुल 5 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली.

खट्टर ने इस्तीफे से चौंकाया

इससे पहले भाजपा विधायक दल की बैठक के बाद ऐलान किया गया था कि सैनी राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे. बता दें कि 54 साल के सैनी को खट्टर का करीबी माना जाता है. वह खट्टर की जगह लेंगे, उनके साथ कुछ नए नेता भी शपथ ले सकते हैं. बता दें कि मनोहर लाल खट्टर का मुख्यमंत्री के रूप में अक्टूबर के अंत में दूसरा कार्यकाल खत्म होना था. उससे पहले ही आज खट्टर ने सीएम पद से इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया.

सैनी ने मोदी, शाह और नड्डा का जताया आभार

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने खट्टर और पार्टी के अन्य नेताओं के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया. सैनी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में ‘सर्वसम्मति’ से भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर पीएम मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत अन्य नेताओं का आभार जताया.

ओबीसी समाज से ताल्लुक

ओबीसी समाज से ताल्लुक रखने वाले सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं. पिछले साल अक्टूबर में ओम प्रकाश धनखड़ को हटाकर उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था. इस बदलाव को ओबीसी समुदाय पर अपनी पकड़ मजबूत करने के भाजपा के प्रयास के तौर पर देखा गया था. हरियाणा में सबसे अधिक आबादी जाट समुदाय की है. माना जाता है कि इस समुदाय का वोट कांग्रेस, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और इंडियन नेशनल लोकदल के बीच बंट जाता है.

प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली

सैनी ने प्रदेश संगठन में कई पदों पर जिम्मेदारी संभाली है. वह भाजपा की युवा इकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी कई दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं. साल 2012 में उन्हें भाजपा ने अंबाला इकाई का जिला अध्यक्ष बनाया था. साल 2014 में वह नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे. वह हरियाणा सरकार में राज्य मंत्री भी रहे हैं. साल 2019 में वह कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए.

लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा परिवर्तन

हरियाणा में मुख्यमंत्री को ऐसे समय में बदला गया है, जब लोकसभा चुनाव की घोषणा होने में कुछ ही दिन बचे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को हरियाणा में ही थे. गुरुग्राम में एक सरकारी कार्यक्रम में उन्होंने खट्टर की जमकर तारीफ की थी. तब किसी को यह अनुमान भी नहीं था कि अगले ही दिन खट्टर को इस्तीफा देना पड़ जाएगा. हरियाणा विधानसभा के पिछले चुनाव के बाद भाजपा ने जजपा के साथ मिलकर और कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई थी. मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री और जजपा अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला उपमुख्यमंत्री बने.

जजपा से नहीं बनी बात

पंजाबी खत्री समुदाय से ताल्लुक रखने वाले खट्टर ने आज जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया, तब राज्य मंत्रिपरिषद में उनको मिलाकर कुल 14 मंत्री थे. इसमें चौटाला सहित जजपा के तीन सदस्य भी शामिल थे. जजपा आगामी लोकसभा चुनाव में हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से अपना उम्मीदवार उतारना चाह रही थी, लेकिन भाजपा दोनों सीट छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उसने राज्य की सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी.

दुष्यंत चौटाला ने नड्डा से की थी बात

दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को भाजपा अध्यक्ष नड्डा के साथ सीटों के बंटवारे के सिलसिले में बातचीत भी की थी, लेकिन संभवत: वह विफल रही. इससे पहले कि गठबंधन टूटने को लेकर कोई औपचारिक घोषणा होती, भाजपा ने मुख्यमंत्री खट्टर का इस्तीफा दिला दिया और विधायक दल के नए नेता का चयन कर लिया. वर्तमान में, 90 सदस्यीय हरियाणा विधानसभा में भाजपा के 41 विधायक और जजपा के 10 विधायक हैं. इस गठबंधन को सात में से छह निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त था. आंकड़ों के लिहाज से, भाजपा सरकार को फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा है. मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के 30 विधायक हैं और इंडियन नेशनल लोकदल तथा हरियाणा लोकहित पार्टी के पास एक-एक सीट है.

Trending news