नोएडा में कुत्ते पालना अब पड़ेगा महंगा, प्राधिकरण ने बनाई नीतियां, लगेगा 10 हजार रुपये जुर्माना
नोएडा में पालतू और आवार कुत्तों के बढ़ते आतंक को देख प्राधिकरण ने पालतू जानवरों के मालिकों के लिए कुछ गाइडलाइंस बनाई हैं. इनके तहत अगर उनका कुत्ता किसी को काट लेता है तो उन पर 10 हजार रुपये जुर्माना तो लगेगा ही, साथ ही जख्मी के इलाज का पूरा खर्चा उठाना पड़ेगा.
New Delhi: दिल्ली-एनसीआर इलाके में लगातार कुत्तों के बढ़ते मामलों को देखकर नोएडा प्राधिकरण ने कई नीतियां बनाई हैं. अब नोएडा में कुत्ता पालना महंगा पड़ सकता है. नोएडा प्राधिकरण ने शनिवार को 207वीं बोर्ड की बैठक में आवारा/पालतू कुत्तों/पालतू बिल्लियों हेतु नोएडा प्राधिकरण की नीति निर्धारण के संबंध में निर्णय लिए गए हैं. अगर पालतू जानवर के कारण कोई अप्रिय घटना होती है तो उसको लेकर 1 मार्च 2023 से 10 हजार रुपये का जुर्माना जानवर के मालिक पर लगाया जाएगा. वहीं जख्मी का पूरा इलाज भी वही करवाएगा.
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बता दें कि अगर आप नोएडा में रह रहे हैं और आपने कुत्ता पाल रखा है तो यह आपके लिए महंगा पड़ सकता है. नोएडा प्राधिकरण ने आवारा/पालतू कुत्तों/पालतू बिल्लियों पर कुछ गाइडलाइंस बनाई हैं. इसमें प्राधिकरण ने कहा है कि पालतू जानवरों द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी करने पर सफाई की जिम्मेदारी पशु चालक की होगी. वहीं अगर पालतू जानवर किसी को कुछ नुकसान (अप्रिय घटना) पहुंचाता है तो जानवर के मालिक पर 10000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जो कि 1 मार्च 2023 से लागू होगा. वहीं नुकसान का पूरा खर्चा भी वही उठाएगा.
वहीं प्राधिकरण ने कहा कि अब पालतू जानवरों, डॉग और बिल्लियों का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है. अगर पालतू जानवर के मालिक नोएडा अथॉरिटी पेट रजिस्ट्रेशन ऐप पर अपने जानवरों का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो मालिकों पर खासा जुर्माना लगाएगा. इनके रजिस्ट्रेशन कराने के लिए 31 जनवरी 2023 तक का समय तय किया गया है.
इतना ही नहीं प्राधिकरण ने पालतू कुत्तों के स्ट्रेलिजेशन और एंटीरेबीज वैक्सीनेशन को भी अनिवार्य कर दिया है. वहीं जो भी मालिक कुत्तों को वैक्सीन नहीं लगवाएगा, उस पर 1 मार्च 2023 के बाद से 2000 रुपये प्रति महीने जुर्माना लगाया जाएगा.
वहीं नोएडा प्राधिकरण ने आवारा कुत्तों और बिल्लियों के लिए भी शेल्टर होम बनाए जाएंगे. इनके अंदर आक्रामक कुत्तों और बिल्लियों की निगरानी की जाएगी. इन सेंटर्स का रखरखाव आरडब्ल्यूए (RWA) और एओए (AOA) करेगा. इसके लिए आरडब्लूए, एओए और गांव के लोग प्राधिकरण को जमीन देंगे.