Noida Cricket Stadium: नोएडा के सेक्टर-21ए में स्थित  स्पोर्ट्स कांप्लेक्स को लेकर लोगों को कई सपने दिखाए गए थे कि नोएडा क्रिकेट स्टेडियम अंतरराष्ट्रीय मानकों पर तैयार किया जाएगा. वहीं कहा गया था कि इस ग्राउंड पर टी20 जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुकाबले होंगे. लेकिन वर्तमान समय में यह स्टेडियम सिर्फ और सिर्फ लोकल क्रिकेट तक ही सिमट कर रह गया है.


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स्टेडियम की लागत आ चुकी है 350 करोड़ 
वहीं इस स्टेडियम को लेकर खास बात तो यह है कि 58 करोड़ रुपए से शुरू इस स्टेडियम की लागत तकरीबन 350 करोड़  तक जा चुकी है. लेकिन इतने रुपये खर्च होने के बाद भी इस स्टेडियम में फ्लड लाइट आज तक नहीं लग पाई है और न ही दर्शक दीर्घा में बैठने के लिए कुर्सियां तक नहीं है. शानदार पवेलियन वाले इस मैदान की दीवारें अब सिर्फ धूल फांक रही हैं.


अब इसको देखते हुए  प्राधिकरण ने संचालन कर रही बड़ी कंपनी पर कार्रवाई शुरू कर दी है. स्टेडियम से होने वाली आय बढ़ाने के कंपनी की तरफ से कोई प्रयास नहीं किया गया.  ऐसे में सुविधाएं विकसित न होने पर स्टेडियम का संचालन करने वाली फर्म फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को नोएडा प्राधिकरण ने लीज रद्द करते हुए 15 दिन का नोटिस जारी कर दिया है.


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एनसीआर का दूसरा उच्च संसाधनों वाला स्टेडियम 
आपको जानकारी के लिए बता दें कि नोएडा प्राधिकरण ने साल 2021 में नोएडा क्रिकेट स्टेडियम का संचालन फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को 15 साल के लिए लीज पर दिया था. इसके साथ ही स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने व दर्शक दीर्घा में कुर्सी लगाने के साथ-साथ कंपनी को दूसरी सुविधाएं भी विकसित करनी थी. इसके अलावा भी प्रति महीने होने वाली एक लाख रुपए की आय बढ़ाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किया गया. जिसके चलते अभी तक कोई भी बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन भी नहीं हो सका. यह स्टेडियम दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट के बाद एनसीआर में दूसरा उच्च संसाधनों वाला स्टेडियम है. काफी लंबे समय से चल रहा यह स्टेडियम अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है. 


भ्रष्ट तंत्र के चलते शहर के करोड़ों रुपये हो चुके है खर्च 
वहीं लखनऊ का इकाना स्टेडियम सिर्फ दो साल आठ महीने के बनकर तैयार हो गया था, जिसमें आज अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जा रहे हैं. हिमाचल के धर्मशाला में स्थित स्टेडियम 150 करोड़ रुपये की लागत से तैयार अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम पहले ही तैयार की जा चुका है और वहां लगातार अंतरराष्ट्रीय मैचों का भी आयोजन हो रहा है. वहीं नोएडा क्रिकेट स्टेडियम सिर्फ जांच एजेंसियों के फेर में फंसकर रह गया है. सीबीआई द्वारा इसके मामले के जांच की जा रही है. वहीं नोएडा प्राधिकरण के भ्रष्ट तंत्र के चलते शहर के करोड़ों रुपये खर्च हो चुके है. लेकिन इसके बाद भी इसका निर्माण अभी तक पूरा नहीं हो सका है.  यहीं कारण है कि इस स्टेडियम में सिर्फ और सिर्फ स्थानीय मैच ही हो रहे हैं.  यह स्टेडियम पूरा न पाने के कारण कंपनी कोई भी बड़ा आयोजन यहां पर नहीं करा सकीं और नहीं स्टेडियम से होने वाली आय को बढ़ा सकी.