Noida News: उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (UP RERA) के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को एक अहम बैठक की. इस बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया कि बार-बार नोटिस भेजने के बाद भी रेरा पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड नहीं कर रहे जो प्रोमोटर्स  को अब 'अबेएन्स' की श्रेणी में रखा जाए. इसके साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही करने का भी फैसला लिया गया है. यह फैसला रेरा अध्यक्ष संजय भूस रेड्डी की अध्यक्षता में हुई 152वीं बैठर में लिया गया.



COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह फैसला बायर्स के लिए लगा गया है क्योंकि कई परियोजनाओं के प्रोमोटर्स नोटिस जारी करने के बाद भी पोर्टल पर जरूरी दस्तावेज अपलोड़ नहीं किए. इन दस्तावेजों की वजह से ही एक आवंटी प्रोपर्टी को खरीदने के लिए अपनी निवेश योजना बनाता है. 


बैठक में रेरा ने करीबन 400 बिल्डर परियोजनाओं के प्रोमोटर्स को चेतावनी दी गई है. इन प्रोमोटर्स ने यह परियोजनाएं रेरा के शुरुआती दिनों में रजिस्टर्ड कराई थी. 2018 से ही उन्हें बार-बार आगाह किया जा रहा था कि परियोजना के दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड कर दें. मगर अभी तक भी दस्तावेज पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए.


ये भी पढ़ें: Char Dham Tour: चार धाम के करन हैं दर्शन तो IRCTC लाया बेहतरीन मौका, जानें किराया


साथ ही रेरा ने यह भी पाया कि 400 बिल्डर परियोजनाओं में 160 परियोजनाओं के प्रोमोटर्स नक्शा व भू-अभिलेख दोनों ही अपलोड नहीं किए. जिसके चलते रेरा ने इन प्रोमोटर्स को नोटिस जारी किया है और पोर्टल पर जल्द ही अभिलेख अपलोड करने के निर्देश दिए हैं. 


रेरा के बार-बार नोटिस जारी करने के बाद सिर्फ 57 परियोजनाओं के प्रोमोटर्स ने दस्तावेज अपलोड न करने का कारण बताया. जिसके चलते ही बैठक में फैसला लिया गया कि जिन परियोजनाओं के भू-अभिलेख व नक्शा पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं, उनके लिए पोर्टल पर 'अबेएन्स' की श्रेणी बनाकर, उन्हें उसमें रखा जाए।


रेरा के अध्यक्ष रेड्‌डी ने कहा कि ऐसा देखा जाता है कि बायर्स सिर्फ रेरा की साइट पर प्रोमोटर का रजिस्ट्रेशन देखकर ही विश्वास कर लेते हैं. मगर प्रोमोटर्स अपने दस्तावेज न डालकर अपनी खामियों को छिपा लेते है. मगर अब अबेएन्स की श्रेणी में होने से बायर्स को आसानी हो जाएगी. इससे उनको पता चल जाएगा कि कौन ठीक है और कौन फ्रोड कर रहा है.