देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्राम: गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंतलस पैराडीशो सोसाइटी में भी जल्द ही नोएडा की टिविन्स टॉवर की तर्ज पर एक टॉवर को ध्वस्त किया जाएगा. दरअसल, गुरुग्राम सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडिसो सोसायटी का टावर डी ढहाया जाएगा. यह वही D टावर है. जहां इसी साल 10 फरवरी की शाम छठी मंजिल के ड्रॉइंग रूम की छत गिर गई. 5 मंजिल के फ्लोर पर गिरा मलबा सभी छतों को तोड़ता चला गया और ग्राउंड फ्लोर तक ड्रॉइंग रूम का हिस्सा ढह गया.


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18 मंजिल के इस डी टावर के स्ट्रक्चरल ऑडिट के बाद गिराए जाने की सलाह IIT दिल्ली की टीम ने दी है. टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि D टावर में ढांचागत कमियां हैं, जिसकी मरम्मत तकनीकी और आर्थिक आधार पर संभव नहीं है. इस टावर में 54 फ्लैट हैं और एक फ्लैट की कीमत औसतन करीब डेढ़ करोड़ रुपये है. अधिकांश फ्लैट बिक चुके हैं और हादसे के बाद से टावर को बंद कर दिया गया है. यहां रहने वाले लोग दूसरी जगह पर रह रहे हैं. IIT की दिल्ली के द्वारा चिंतलस पैराडीसो सोसायटी के अन्य टावरों की भी जांच की जा रही है.


सोसाइटी की इमारतों में लगे निर्माण सामग्री खराब होने के चलते सभी टावरों में इस तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही है और पूरे स्ट्रक्चर में जिस तरह का निर्माण सामग्री का प्रयोग किया गया उसके चलते पूरी तरह से D टावर कंडम हो चुका है और यही कारण है कि अब जिला प्रशासन की तरफ से जो जांच कराई गई और इस जांच में अब इस सामने निकल कर आया है कि यह टावर यहां रहने लायक नहीं है और यही कारण है कि नोएडा प्राधिकरण के साथ-साथ अन्य एक्सपर्ट से भी जिला प्रशासन की टीम संपर्क में है कि आखिरकार इस टावर को किस तरह से ध्वस्त किया जाए.


वहीं, जिला प्रशासन की तरफ से यह भी कहा गया है कि यदि अन्य टावर के अंदर भी इस तरह की सामग्री का प्रयोग मिला तो उन्हें भी गिराया जाएगा, लेकिन फिलहाल जिला प्रशासन के आदेश अनुसार बिल्डर को भी आदेश दिए गए हैं कि जल्द ही वह डी टावर में रहने वाले लोगों की फ्लैट खरीदते समय दी गई राशि को वापस करें. हालांकि, अभी जिला प्रशासन की तरफ से इस साफ नहीं किया गया है किस टावर को कब गिराया जाएगा, लेकिन बिल्डर की तरफ से अगले दो महीनों में लोगों को पूरी राशि वापस करनी होगी और उनके साथ सेटलमेंट करनी होगी जिसके बाद इस टावर को गिराया जाएगा.


फरवरी 2022 को इस सोसाइटी में जिस तरह से हादसा हुआ इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई थी जिसके बाद से यहां रहने वाले लोग डरे हुए हैं और अब उनका यही कहना है कि जिस तरह का निर्णय आया है वह काफी ठीक है साथ ही अन्य टॉवर्स की भी जल्द जांच होनी चाहिए जिससे लोग सुरक्षित रह सके.