नई दिल्ली: महिला एथलीट पीटी ऊषा को राज्यसभा सांसद के रूप में मनोनीत किया गया है, जिसकी शपथ लेने आज वो दिल्ली पहुंची. इस दौरान सांसद मनोज तिवारी सहित बीजेपी के कई कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर पहुंचकर उनका स्वागत किया. पीटी ऊषा को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत किया है. 


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राष्ट्रपति द्वारा होते हैं मनोनीत
भारतीय संविधान के अनुच्छेद  80 में राज्यसभा के गठन का प्रावधान है. इसके अनुसार राज्यसभा के 245 सदस्यों में 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा निर्वाचित किया जाता है.  इनका चयन कला, साहित्य, ज्ञान, खेल और सामाजिक सेवाओं में विशिष्ट योगदान के लिए किया जाता है. इनके पास राष्ट्रपति के चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं होता है.


राज्यसभा में मनोनीत होने वाले पहले खिलाड़ी
राज्यसभा में मनोनीत होने वाले पहले खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर हैं, उनके पहले किसी भी खिलाड़ी को राज्यसभा में भेजे जाने का प्रावधान नहीं था. क्रिकेट में सचिन के योगदान के बाद नियमों में बदलाव किया गया और खेल में विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों को भी राज्यसभा सदस्य के रूप में मनोनीत करने की शुरुआत की गई. 


पीटी उषा का सफर 
भारत के महान खिलाड़ियों में एक पीटी उषा का जीवन सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है. केरल के पय्योली गांव में जन्मी पीटी उषा बचपन से ही दौड़ने की शौकीन थीं. उन्होंने चौथी कक्षा से दौड़ना शुरू कर दिया.  13 साल की उम्र में केरल सरकार के द्वारा लड़कियों के लिए शुरू किए गए स्पोर्ट्स डिविजन में प्रवेश लिया. 1980 में केवल 16 साल की उम्र में वो मॉस्को में हुए ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था. अपने खेल जीवन में कई उतार-चढ़ाव देखते हुए भी पीटी उषा ने देश को विश्वस्तर पर पहचान दिलाई. पीटी उषा को 1983 में अर्जुन अवॉर्ड और 1985 में देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया है. 


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