Palwal News: 250 साल पुराने मंदिर में दंगल का हुआ आयोजन, जानें क्यों नहीं लगा किसी को 1 लाख का इनाम
Palwal News: हरियाणा के पलवल जिलें में तीज त्योहार के मौके पर 250 साल पुराने ऐतिहासिक तीजों के मंदिर पर विशाल दंगल का आयोजन किया.
Palwal News: पलवल जिले में तीजों के त्योहार पर लगभग 250 साल पुराने ऐतिहासिक तीजों के मंदिर पर विशाल दंगल का आयोजन किया गया. इस अवसर पर पलवल विधायक के सुपुत्र दिव्यांक मंगला और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता हरेंद्र पाल राणा और पार्षद संजय विशेष रूप से मौजूद रहे.
वहीं भारत के अलग-अलग प्रदेशों से आए पहलवानों ने दंगल में कुश्ती मैं जोर आजमाइश करके अपनी ताकत का लोहा मनवाते हैं. वहीं आसपास के इलाके के लोग आकर विशाल दंगल रोमांचक कुश्तियां देखते हैं और वही कमेटी की तरफ से आए हुए पहलवानों के लिए इनाम में 1100 से लेकर 1 लाख रुपये तक का इनाम और पहलवानों को सम्मानित करके उनको प्रोत्साहित किया जाता है.
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पलवल जिले में तीजों के त्योहार पर लगभग 250 साल पुराने मंदिर पर विशाल दंगल का आयोजन काफी लंबे समय से किया जा रहा है. वहीं भारत के अलग-अलग प्रदेशों से आए हुए पहलवान इस दंगल में शिरकत करते हैं और दंगल कमेटी पहलवानों के लिए 1100 से लेकर 1 लाख रुपये तक का नगद इनाम और उनको सम्मानित भी करती है.
इस अवसर पर दंगल कमेटी की तरफ से कई कुश्ती कराई गई, जिसमें विजेताओं को नगद इनाम देकर उनका सम्मान भी किया. इस अवसर पर पलवल विधायक दीपक मंगला के सुपुत्र दिव्यांक मंगला, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य हरेंद्र पाल राणा पलवल के मशहूर पहलवान शंभू पहलवान और पार्षद संजय ठाकुर विशेष रूप से मौजूद रहे. दंगल में लगभग 25 मुकाबलों का आयोजन किया गया. वहीं जीते हुए विजेताओं को नगद इनाम देकर उनको प्रोत्साहित किया.
इस अवसर पर आसपास के गांव के लोगों ने भी दूर-दराज से आए हुए पहलवानों का ताली और शोर करके खूब हौसला अफजाई की गई. वही 51 हजार रुपये की कुश्ती भी बराबरी पर छूटी और वहीं एक लाख की मेगा कुश्ती भी बराबरी पर छूटी जो उत्तर प्रदेश के पहलवान और हरियाणा के पहलवान के बीच हुई दोनों ही पहलवान कुश्ती का सबसे बड़ा खिताब हिंद केसरी भी जीत चुके हैं.
वहीं दंगल कमेटी में आए हुए अतिथि रतन सिंह सौरत ने बताया यह परंपरा काफी लंबे समय से चलती आ रही है और पहलवानों को खेल के गुण भी भरपूर मात्रा में दिखाए जाते हैं, ताकि नशे की लत न ले सके और अलग-अलग अखाड़े से आए हुए पहलवानों ने खेल एकता का परिचय दिया. शांतिपूर्ण तरीके से सभी कुश्तियां का समापन हुआ. वहीं पार्षद संजय ने बताया कई साल पुरानी इस परंपरा को आज भी पलवल के लोग बड़ी धूमधाम से मनाते हैं और एकता अखंडता का परिचय देकर अपने इलाके की शान बढ़ाते हैं.
Input: Rushtam Jhakhar