Palwal News: वेस्टेज चीजों का इस्तेमाल कर पक्षियों के लिए आशियाना बनाता है ये शख्स, 24 साल से चला रहा ये मुहिम
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1815391

Palwal News: वेस्टेज चीजों का इस्तेमाल कर पक्षियों के लिए आशियाना बनाता है ये शख्स, 24 साल से चला रहा ये मुहिम

Palwal News: वेस्टेज चीजों का इस्तेमाल करके पक्षियों के रहने के लिए घर बनाते हैं. साथ ही बोतलों, प्लास्टिक की केन व चाय-कॉफी के डिस्पोजल, नारियल के वेस्टेज खोल में पेड़-पौधे लगाकर उन्हें दूसरे लोगों को बांटते हैं ताकि दूसरे लोग भी अपने घरों में पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण को बचा सके.

Palwal News: वेस्टेज चीजों का इस्तेमाल कर पक्षियों के लिए आशियाना बनाता है ये शख्स, 24 साल से चला रहा ये मुहिम

Palwal News: पलवल के राजीव नगर निवाशी 38 वर्षीय राम कुमार बघेल लगभग 24 वर्षों से पर्यावरण बचाओ मुहिम चला रहे हैं. रामकुमार बघेल वेस्टेज चीजों का इस्तेमाल करके पक्षियों के रहने के लिए घर बनाते हैं साथ ही बोतलों, प्लास्टिक की केन व चाय-कॉफी के डिस्पोजल, नारियल के वेस्टेज खोल में पेड़-पौधे लगाकर उन्हें दूसरे लोगों को बांटते हैं ताकि दूसरे लोग भी अपने घरों में पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण को बचा सके.

पर्यावरण सचेतक राम कुमार बघेल का कहना है कि लगभग 12 साल की उम्र से ही वो खराब होते पर्यावरण को लेकर चिंतित रहने लगे थे और फिर लगभग 14 साल की उम्र में उन्होंने पर्यावरण को बचाने की मुहिम शुरू की. अब तक बघेल हजारों पौधे लगाकर लोगों को बाट चुके हैं. वो गलियों व नालियों में उगने वाले पौधों को लावारिश व अनाथ मानकर उन्हें वहां से अपने घर में शिफ्ट कर उनकी देखभाल करते है और स्कूल कॉलेजों में जाकर लोगों को पेड़ बांटते हैं और उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक करते हैं.

ये भी पढ़ेंः School Closed: UP के 20 हजार स्कूल आज बंद, जानें क्या है पूरा मामला

उनका मानना है कि हर व्यक्ति को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए ताकि तभी बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सकता है और हमारा पर्यावरण ठीक होगा, क्योंकि पर्यावरण की रक्षा करना हम सबकी जिम्मेदारी है. आचार्य बघेल ने अपने घर को चिड़ियाघर में तब्दील किया हुआ है उन्होंने तीन सौ पक्षियों को दाना डालने व उनके रहने की व्यवस्था की है साथ ही मिट्टी व नारियल के खोल से पक्षियों के लिए आशियाना बनाया हैं जिसने पक्षी अपना घोंसला डालकर रहते हैं.

गत्ते के आशियाने वो मकान की छजली के नीचे लटका देते हैं ताकि बारिश से पक्षियों के आशियाने खराब न हो.  उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन में छोटा-सा छिंद्र करके उसको पाइपों पर लटका देते हैं ताकि बारिश का पानी छिद्र से निकल जाए और बच्चों को सेफ रखा जा सके. प्लास्टिक बोतलों में पॉलिथीन, चिप्स के रैपर को इक्क्ठा कर के सजावट के लिए इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं ताकि नालियों में पॉलिथीन जमा न हो और कूड़ा करकट भी न फैले. पॉलिथीन को जलाने से भी पॉल्यूशन खराब होता है.

पर्यावरण सचेतक राम कुमार बघेल चिप्स के रैपर पॉलिथीन, डिटर्जेंट के पैकेट की पॉलिथीन में मिट्टी डालकर पौधे उगाना के लिए यूज करते हैं उन्होंने बताया की 'खुशी हो या गम आओ पौधे लगाएं हम' इस स्लोगन के साथ वो काम कर रहे हैं. पक्षियों का संरक्षण के लिए भी लगातार कार्य करते हैं. प्रकृति को बचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए जाएं यही उनका उद्देश्य है.

इसी के साथ साथ कई लोग भी इनसे जुड़े हुए हैं जो ऐसे ही प्राकृति को बचाने काम करते हैं इसके लिए इन्होंने पर्यावरण सचेतक समिति का भी गठन किया है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस मुहिम से जोड़ा जाए

(इनपुटः रुस्तम जाखड़)

Trending news