पंचकूला: Mann Ki Baat : अपने सपनों के भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी विकसित गांवों को देखते थे. उनका कहना था कि देश की आत्मा गांवों में बसती है. उन्होंने देश के विकास के लिए गांव के विकास को प्रमुखता देने की बात कही थी. आज केंद्र सरकार देश के गांवों को मद्देनजर रखकर कई प्रभावी योजनाओं पर अमल कर रही है, लेकिन आज भी देश के कुछ गांव मूलभूत विकास कार्यों से अछूते हैं. यह बात अलग है कि कभी शासन-प्रशासन ने प्रधानमंत्री के सामने उस गांव की एक अलग तस्वीर रखी हो.


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हम बात कर रहे हैं हरियाणा में पंचकूला के उस बतौड़ गांव की, जिसका जिक्र खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में किया था. उस समय रातोंरात यह गांव पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया था.


दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर गांव बतौड़ का जिक्र अपने मन की बात में किया था. उन्होंने गांव में मौजूद जोहड़ (तालाब) के गंदे पानी को सिंचाई के लिए स्वच्छ और जनउपयोगी बनाने के प्रयास की तारीफ की थी. अब उसी बतौड़ गांव की टूटी सड़कें, जोहड़ का गंदा पानी और कागजों पर हुए विकास कार्य ग्रामीणों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं. शुरुआती बारिश में ही जोहड़ से निकला गंदा पानी गांव के घरों में घुस गया है. पानी की निकासी का उचित प्रबंध नहीं होने की वजह से यहां के ग्रामीण परेशान हैं.


उनका कहना है कि मन की बात में जिक्र होने के बाद गांव के जोहड़ का नाम मोदी जोहड़ पड़ गया. रिश्तेदारों ने भी फ़ोन कर उनसे इस जोहड़ के बारे में बात की थी, लेकिन सच्च्चाई कुछ और है. बारिश होने के बाद जोहड़ का गंदा पानी घरों में घुस रहा है. बच्चे, बड़े और बूढ़े सभी इस पानी में घुसकर निकलने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं जोहड़ से होकर सांप और बरसाती कीड़े घरों में घुसने से बच्चों को जान का खतरा बना हुआ है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.


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