Panchkula News: कालका के टिपरा क्षेत्र के नशा मुक्ति केंद्र में मरीजों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है. यहां का स्टाफ खुद नशे की हालात में मरीजों के साथ मारपीट करता था. पुलिस ने केंद्र में छापा मारकर 46 मरीजों को मुक्त कराया है.
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Panchkula News: पंचकूला जिले के कालका के टिपरा क्षेत्र में बिना लाइसेंस के चल रहे नशा मुक्ति केंद्र का खुलासा हुआ है. इस केंद्र से 46 मरीजों को मुक्त कराया गया, जिनमें से 35 मरीजों का मेडिकल परीक्षण कराया गया. मेडिकल परीक्षण के बाद केवल 24 मरीज ही अस्पताल पहुंचे, जबकि बाकी मरीज फरार हो गए.
मारपीट का आरोप
अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, नशा मुक्ति केंद्र के मरीजों ने आरोप लगाया है कि उन्हें वहां मारा-पीटा जाता था. किसी के कान का पर्दा फाड़ दिया गया तो किसी की आंख को नुकसान पहुंचाया गया. ऐसा करने की वजह से कुछ मरीजों के देखने की क्षमता भी खत्म हो गई है. मरीजों का ये भी आरोप है कि नशा मुक्ति केंद्र का स्टाफ खुद भी नशे में होता था. नशे की हालत में अक्सर मरीजों के साथ मारपीट की जाती थी. यही नहीं कुछ युवकों के साथ मारपीट करके उन्हें मानसिक रूप से बीमार भी घोषित कर दिया गया.
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मरीजों की शिकायत के बाद एएसपी मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में एसडीएम कालका लक्षित सरीन की उपस्थिति में छापेमारी की गई, जिसमें न्यू जनरेशन केयर फाउंडेशन ड्रग्स काउंसलिंग एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर पर कई खामियां पाई गईं. छापेमारी के दौरान यह जानकारी भी सामने आई कि नशा मुक्ति केंद्र बिना लाइसेंस के चल रहा था, केंद्र का लाइसेंस अगस्त 2023 में समाप्त हो चुका था.
जांच में यह भी खुलासा हुआ कि मरीजों का कोई उपस्थिति रजिस्टर, दवाई की पर्ची या खुराक चार्ट नहीं था. डॉक्टर्स से आपातकालीन संपर्क का कोई साधन भी नहीं था. टीम का मानना है कि केंद्र बीएनएस पुनर्वास अधिनियम, हरियाणा नशा मुक्त केंद्र हरियाणा नियम 2010 संशोधित 2018, एनडीपीएस अधिनियम 1985 और अन्य अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लंघन कर रहा था.
मरीजों ने आरोप लगाया कि उन्हें कीड़े वाला खाना खिलाया जाता था. एक बार तो दाल में चूहा गिर गया था और वही दाल सबको खिलाई गई. मरीजों ने सेक्टर 6 अस्पताल में अपने चोट के निशान दिखाए और बताया कि उन्हें मारा-पीटा गया था. नशा मुक्ति केंद्र में अपने साथ हो रही हिंसा के बारे में जानकारी देते हुए कुछ लोग रोने लगे. एक युवक की आंख पर मुक्के मारे गए, जिससे उसकी दृष्टि कम हो गई. एक अन्य युवक के कान का पर्दा फाड़ दिया गया और एक की बाजू तोड़ दी गई. एक व्यक्ति ने अपनी पीठ पर बेल्ट से मारने के निशान भी दिखाए.
मरीजों को तीन एम्बुलेंस में पंचकुला अस्पताल लाया गया, लेकिन सुरक्षा के लिए केवल एक हवलदार भेजा गया. जब मेडिकल परीक्षण शुरू हुआ तो 46 में से केवल 35 मरीजों की एंट्री हुई और 24 मरीज भर्ती हुए, जबकि बाकी फरार हो गए. पंचकूला पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्जकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है.
Input- Divya Rani