पानीपत: इसराना खंड के जोधन कला गांव के किसान कुलदीप पिछले 25 साल से खेती कर रहे हैं, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा जैविक खेती को बढ़ावा देने के बाद किसान कुलदीप ने पिछले 8 साल में जैविक खेती के जरिये अपनी आमदनी को कई गुना कर दूसरे किसानों के सामने भी उदाहरण पेश किया है. हालांकि उन्हें एक शिकायत भी है कि हॉर्टिकल्चर के अधिकारी सरकार की योजनाओं का बेहतर तरीके से जानकारी नहीं देते हैं. 


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किसान कुलदीप ने बताया कि उन्होंने आधे एकड़ से ऑर्गेनिक फार्मिंग की शुरुआत की थी और अब ये दायरा बढ़ाकर 3 एकड़ कर दिया है. ऑर्गेनिक खेती से जमीन की उर्वरक शक्ति बनी रहती है. कुलदीप ने बताया कि वह खीरा ,तीन तरह के खरबूजा, तरबूज की खेती कर स्वयं उनकी पैकिंग कर मार्केटिंग करते हैं. कुलदीप ने बताया कि सीएसएसआईईआईआर करनाल से जैविक खेती की ट्रेनिंग ली है.


उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से वह राजीव दीक्षित को भी फॉलो कर रहे थे. उन्होंने बताया कि खरपतवार की काफी समस्या थी, तब हमने मल्चिंग का प्रयोग करना शुरू किया. उन्होंने बताया कि इस प्रकार की खेती करने में मेहनत और पैसा खर्च होता है, लेकिन आमदनी कई गुना होती है. 


अधिकारी नई तकनीकी की नहीं देते जानकारी 
केंद्र सरकार जैविक खेती को बहुत बढ़ावा दे रही है. उन्होंने यह भी कहा कि बताया कि सरकार किसानों को पैसा तो देती है, लेकिन कर्मचारी और अधिकारी की वजह से किसानों तक लाभ नहीं पहुंच पाता है. कुलदीप ने बताया कि हॉर्टिकल्चर के अधिकारी निरीक्षण करने आते हैं, लेकिन नई तकनीकी की जानकारी नहीं देते हैं. उन्होंने बताया कि जो किसान जैविक खेती कर रहे हैं, वही आपस में विचार-विमर्श कर काफी मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की योजनाओं का वह भरपूर लाभ उठा रहे हैं.



कुलदीप ने बताया कि ड्रिप सिस्टम व मल्चिंग पर उन्होंने काफी सब्सिडी ली है. मटर बोने पर भी सरकार ने प्रत्येक एकड़ ₹15 हजार रुपये देने का भी प्रावधान किया है. अगर मौसम सही रहे तो आमदनी 3 से 4 गुना होती है.कुलदीप किसान ने बताया कि खुद मार्केटिंग कर लोग 1 एकड़ में 2 लाख से अधिक का मुनाफा कमा सकते हैं. इस प्रकार की खेती करने से 5 गुना तक कमाई हो सकती है.


कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ. राजवीर गर्ग ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की कृषि से संबंधित बहुत सी योजनाएं हैं. जो किसान जागरूक होगा, वही सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकता है. ऐसी बहुत सी योजनाएं हैं, जिससे सरकार के लक्ष्य पूरे नहीं होते, लेकिन लाभ उठाने वाले किसान सामने नहीं आते हैं. अधिकारी ने बताया कि बागवानी के क्षेत्र में सरकार हर पहलू पर सब्सिडी के साथ इंसेंटिव दे रही है.



कई योजनाओं पर मिल रही 80 प्रतिशत तक छूट 
डॉ. राजवीर गर्ग ने बताया कि पॉलीहाउस, नेशनल प्लांटिंग मैटेरियल, नया बाग फूलों की खेती के साथ फसल अवशेष प्रबंधन मशीनें किसानों को सरकारी छूट पर दी जा रही है. सरकार किसान को 80% तक सब्सिडी दे रही है. मेरा पानी मेरी विरासत योजना से किसानों को लाभ दिया जा रहा है. सीधी बिजाई में भी सरकार किसानों को पैसा देती है. अब ये किसान पर निर्भर करता है कि वह कैसे योजनाओं का लाभ उठाता है. अधिकारी ने कहा कि बहुत से किसानों ने योजनाओं का लाभ उठाकर लाभ लिया है, लेकिन इसबात का भी दुख है कि कामगर किसान अभी आगे नहीं आ रहा है.


ऑनलाइन सुविधा होने से बिचौलिए का काम खत्म 
डॉ. राजवीर ने कहा कि किसान अपनी योजनाओं को लेकर आएं, ताकि उनकी मदद की जा सके. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को बधाई देनी चाहिए, क्योंकि सभी योजनाएं ऑनलाइन हैं और इसमें किसी भी बिचौलिए का कोई काम नहीं है. ऑनलाइन सुविधा होने से जरूरतमंदों को अधिकारियों के बार-बार चक्कर भी नहीं काटने पड़ते हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि ऑनलाइन स्कीमों का लाभ लेने के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यदि किसी प्रकार की कमी होगी तो अधिकारी उसकी पूर्ति खुद करेंगे. 


किसानों को होना पड़ेगा जागरूक 
डॉ. राजवीर गर्ग ने बताया कि किसानों को स्कीमों की जानकारी होनी बहुत जरूरी है. खेती की नई तकनीक की जानकारी के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है. साथ ही कैंपों में लिटरेचर भी बांटा जाता है. कृषि विभाग के पास सामुदायिक रेडियो स्टेशन है, जिस पर लगातार रेडियो के माध्यम से जानकारी मुहैया कराई जाती है. 


सब्जी के खेती से भी लोग उठा रहे भरपूर फायदा 
अधिकारी ने बताया कि पानीपत में बहुत से किसानों ने सब्जी के क्षेत्र में अच्छा काम कर प्रगति हासिल की है. बहुत से किसानों ने धान की फसल छोड़कर सब्जी की खेती को अपनाया है. भारत सरकार का 2022 का लक्ष्य था कि किसानों की आमदनी को दोगुनी किया जाए, जिसे लेकर पानीपत के 110 किसानों की सफलता की स्टोरी बनाकर भारत सरकार को भेजी गई. उन्होंने बताया कि 110 किसानों की सफलता की स्टोरी बनाने के बाद यह निष्कर्ष निकला कि जो किसान धान की फसल आज भी कर रहा है, उसकी आय में इजाफा नहीं हुआ है. जिस किसानों ने गन्ना, सब्जी व पशुपालन को साथ लेकर काम किया व मशरूम की खेती की, उनकी आमदनी दोगुनी से ज्यादा तिगुनी हुई है. 


इनपुट : राकेश भयाना