Panipat Sugar Mill : जो जमीन 66 साल तक हरियाणा में मिठास घोलती रही, अब वहां बनेंगे आशियाने
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Panipat Sugar Mill : जो जमीन 66 साल तक हरियाणा में मिठास घोलती रही, अब वहां बनेंगे आशियाने

Panipat Sugar Mill : आने वाले 2 महीनों में लगभग 70 एकड़ जमीन एचएसवीपी के सुपुर्द कर दी जाएगी. पुरानी शुगर मिल व उसकी जमीन से मिलने वाली धनराशि से नई शुगर मिल के खाते में करोड़ों रुपये जमा होना तय है.

 

Panipat Sugar Mill : जो जमीन 66 साल तक हरियाणा में  मिठास घोलती रही, अब वहां बनेंगे आशियाने

राकेश भयाना/ पानीपत ​: हरियाणा की जनता को 66 साल तक मिठास देने वाली सबसे पुरानी शुगर मिल अब बहुत जल्द इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी। शुगर मिल की जमीन को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) को सुपुर्द करने की तैयारियां कर ली गई हैं. आने वाले 2 महीनों में लगभग 70 एकड़ जमीन एचएसवीपी के सुपुर्द कर दी जाएगी. जिस जमीन पर वर्षों तक भाप के इंजन से चीनी का उत्पादन होता रहा, उस जमीन पर HSVP सेक्टर बनाकर लोगों के लिए आशियाने बनाएगा. 

 

कई पार्कों का होगा विकास 
एचएसवीपी जमीन पर सेक्टर का निर्माण कर रिहायशी व कमर्शियल प्लाट के साथ पर्यावरण को मद्देनजर रखते हुए कई पार्कों का निर्माण भी करेगा. पीडब्ल्यूडी ने शुगर मिल की इमारत की संरचना का मूल्यांकन लगभग 8 करोड़ रुपये कर दिया है. यह धनराशि एचएसवीपी की ओर से शुगर मिल को दी जाएगी. इतना ही नहीं इस शुगर मिल की मशीनरी का मूल्यांकन भी नेशनल फेडरेशन दिल्ली द्वारा किया जा रहा है, जिसका कार्य जल्द ही पूरा होकर रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी. 

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मशीनों की शिफ्टिंग का चल रहा काम 

शुगर मिल के एमडी नवदीप सिंह ने बताया कि फरवरी 1956 में भारत सरकार के सचिव डी एन कृष्णमूर्ति ने पानीपत शुगरमिल का लाइसेंस दिया था. अब इस शुगर मिल की जमीन एचएसवीपी को सुपर्द  करने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, जिसको लेकर सभी बैठकें हो चुकी हैं. उन्होंने बताया कि पुरानी शुगर मिल की मशीनों की शिफ्टिंग का कार्य चल रहा है.

 

पुरानी मिल में चीनी की अधिक मात्रा होने के कारण  उसके लिए वेयर हाउस या किसी भी विभाग के गोदाम लेकर चीनी वहां शिफ्ट की जाएगी और उसके बाद यह जमीन एचएसवीपी को दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर सेक्टर बनाने का अंतिम फैसला एचएसवीपी लेगी. नवदीप ने बताया कि 69.04 एकड़ जमीन की धनराशि (जो सरकार द्वारा निर्धारित की जाएगी) वह शुगर मिल में खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी. 2 महीने के अंदर ही पूरी जमीन एचएसवीपी के नाम कर दी जाएगी. 

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नवदीप ने बताया कि मशीनरी व  इमारत की सरंचना का मूल्यांकन कर एचएसवीपी को देना है. पानीपत पीडब्ल्यूडी ने जमीन के मूल्यांकन की  रिपोर्ट सबमिट कर दी है. इसके साथ नेशनल फेडरेशन दिल्ली मशीनरी का मूल्यांकन कर रहा है. नेशनल फेडरेशन की रिपोर्ट आते ही एचएसवीपी (HSVP) को सबमिट कर दी जाएगी. एमडी ने बताया कि जितनी मूल्यांकन राशि तय होगी, वह एचएसवीपी से ली जाएगी. उन्होंने बताया कि पीडब्ल्यूडी द्वारा पुरानी शुगर मिल की इमारत की संरचना का मूल्यांकन लगभग 8 करोड़ किया जा चुका है.

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दूसरी जगह भेजी जाएगी 77 लाख क्विंटल चीनी  
नवदीप ने बताया कि 1956 में यह शुगर मिल शुरू हुई थी. मिल में तैयार की गई 77 लाख क्विंटल को चीनी को अभी वेयरहाउस या किसी विभाग के गोदाम में भेजा जाएगा. मार्च में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गोहाना रोड पर नई शुगर मिल का उद्घाटन किया था. इस नई शुगर मिल बनने से जहां हरियाणा के साथ लगते दूसरे राज्य के किसानों को भी लाभ पहुंचेगा, वहीं किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी. बहरहाल पुरानी शुगर मिल व उसकी जमीन से मिलने वाली धनराशि से नई शुगर मिल के खाते में करोड़ों रुपये जमा होना तो तय है.

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