Haryana News: पेरिस ओलंपिक की शुरूआत 26 जुलाई से हो रही है. इस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले 50 प्रतिशत खिलाड़ी हरियाणा प्रदेश से हैं. इनमें मुक्केबाजों की 6 सदस्यीय टीम में 4 हरियाणा के हैं. हरियाणा के भिवानी जिला से मुक्केबाज जैस्मिन लंबोरिया 57 किलोग्राम भार वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. जैस्मिन की ओलंपिक की तैयारियों को देखकर लगता है कि वह इस बार देश के लिए पदक लेकर ही लौटेंगी.


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जैस्मिन को अभ्यास के समय मुश्किल नहीं झेलनी पड़ी
जैस्मिन की बात करें तो उनके घर की अलमारी में रखे मेडल और ट्रॉफियों को देखकर बड़ा अच्छा लगता था. जैस्मिन इन ट्रॉफियों के साथ खेलती थी. बॉक्सिंग की शुरुआत की बात करें तो जैस्मिन लंबोरिया ने 2016 में 10वीं कक्षा में पढ़ते-पढ़ते परदादा व चाचा से प्रेरित होकर बॉक्सिंग खेलना शुरू किया. घर में 2 चाचा के बॉक्सर होने के कारण जैस्मिन को अभ्यास में मुश्किल नहीं झेलनी पड़ी. हां इतना जरूर था कि अभ्यास के दौरान लड़कियों के बजाय लड़कों से पंच लड़ाया है, क्योंकि उस समय उनके भार वर्ग में मुक्केबाजी में लड़कियां कम थीं. 2001 में जन्मी जैस्मिन 57 किलोग्राम में भार वर्ग में मुक्केबाजी के क्षेत्र में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी.


इतने मैचों में जीते हैं पदक
जैस्मिन लंबोरिया ने वर्ष 2021 में एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल, 2021 में इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में सिल्वर मेडल, 2022 में कॉमनवेल्थ गेम में कांस्य पदक प्राप्त किया है. इसके साथ ही 2023 में एशियन चैंपियशिप में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी. जैस्मिन ने ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है. जैस्मिन को पदक प्राप्त करने के लिए कम से कम 3 मैच खेलने होंगे. अगर बाई मिलती है तो 3 नहीं तो 4 मैच खेलने होंगे. जैस्मिन का पहला मैच 30 जुलाई को होगा.


जैस्मिन ने सेना भी ज्वाइन की थी 
सेना ज्वॉइन करने वाली पहली महिला बॉक्सर जैस्मिन के घर में खेल का माहौल था. इसलिए जैस्मिन का एथलेटिक्स और क्रिकेट खेलने का मन था. उन्होंने बॉक्सिंग में जाने का निर्णय किया तो पिता ने समाज का कारण बता कर खेलने से मना कर दिया. जैस्मिन के पिता जयवीर लेम्बोरिया होमगार्ड हैं और मां जोगिंद्र कौर गृहिणी हैं. चाचा संदीप और परविंदर भी अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज हैं. जैस्मिन की बॉक्सिंग में छठी रैंकिंग है. 4 भाई-बहनों में जैस्मिन तीसरे नंबर की हैं. जैस्मिन की मां जोगेंद्र कौर व पिता जयवीर व चाचा परविंद्र ने बताया कि बेटी को खीर व चूरमा पसंद है. वह सादा भोजन करती है. मां ने उसके लिए भूने हुए चने के लड्डू बनाए हैं. जैस्मिन ने अच्छी मेहनत की है. उन्हें उम्मीद है कि अबकी बार उनकी बेटी गोल्ड मैडल लेकर लौटेगी तथा देश का नाम रोशन करेंगी.


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इस दिन है जैस्मिन  मैच 
जैस्मिन के चाचा संदीप ही उसके कोच हैं. उन्होंने बताया कि जेस्मिन रोज 6 घंटे प्रेक्टिस करतीं है. उसने बॉक्सिंग के गुण घर में ही सीखे. तथा बाद में अकादमी में दाखिला लिया. 4 अंतर्राष्ट्रीय मेडल जीत चुकी हैं. ओलिंपिक में पहली बार खेल रही हैं. उनका कहना है कि मुझे पक्का विश्वास है कि इस बार जेस्मिन स्वर्ण पदक प्राप्त करेगी. जैस्मिन का पहला मुकाबला 30 जुलाई को है. 57 किलोग्राम भार वर्ग में कुल 22 मुक्केबाज भाग लेंगे. 3 राऊंड जीतने के बाद उनका मैडल पक्का हो जाएगा. 30 के बाद अगले मुकाबले 2 अगस्त, 4 अगस्त, 7 अगस्त और 10 अगस्त को होंगे. 


Input-NAVEEN SHARMA