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Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार, घमंडी और मूर्ख व्यक्ति से कैसे निकलवाएं अपना काम? जानें यहां

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य, एक महान कूटनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने अपने बुद्धिमत्ता और नीतियों के माध्यम से जीवन में सफलता प्राप्त करने के मार्ग बताए. उनकी पुस्तक 'नीति शास्त्र' में जीवन की महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाला गया है, जिससे लोग अपने जीवन को सफल बना सकते हैं. चाणक्य ने नीतिशास्त्र में समझाया है कि जीवन में सफलता पाने के लिए समझदार, मूर्ख और अहंकारी हर तरह के व्यक्तियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोग कभी-कभी हमारे कार्यों में बाधा भी डाल सकते हैं, लेकिन चाणक्य नीति सिखाती है कि कैसे एक घमंडी और मूर्ख व्यक्ति से भी काम निकलवाया जा सकता है.  उनकी नीतियों का पालन करके, आप कठिन परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं, चाहे वह व्यक्ति कितना भी घमंडी या मूर्ख क्यों न हो. चाणक्य का यह ज्ञान आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय में था.

चाणक्य नीति

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चाणक्य नीति

चाणक्य कहते हैं कि कामयाबी के लिए बुद्धिमान व्यक्ति का साथ होना आवश्यक है. ऐसे व्यक्ति केवल सच्चाई को मान्यता देते हैं, इसलिए उनके सामने सच्चाई का ही प्रदर्शन करें. सच बोलने से समझदार व्यक्ति प्रभावित होते हैं और सहयोग देते हैं.

 

अहंकारी व्यक्ति

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अहंकारी व्यक्ति

अहंकारी व्यक्ति के लिए उसकी प्रतिष्ठा अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है. अगर आप उनसे कोई काम करवाना चाहते हैं, तो उनके मान-सम्मान को ध्यान में रखते हुए उनसे मदद मांगें. वे सम्मान के लिए आपके काम को प्राथमिकता देंगे.

दुष्ट व्यक्ति काम में डालता है बाधा

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दुष्ट व्यक्ति काम में डालता है बाधा

चाणक्य नीति के अनुसार, अगर कोई दुष्ट व्यक्ति आपके काम में बाधा डाल रहा है, तो उसे नियंत्रित करने के लिए साम, दाम, दंड, भेद का सहारा लें. घमंडी लोगों से निपटने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि उनके आत्म-सम्मान को ध्यान में रखते हुए उनसे सहायता मांगी जाए. चाणक्य कहते हैं कि ये लोग प्रतिष्ठा के लिए आपका काम करने के लिए तैयार हो जाएंगे.

कैसे कराएं मूर्ख से काम

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कैसे कराएं मूर्ख से काम

मूर्ख व्यक्ति भी कभी-कभी महत्वपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन उन्हें काम करवाना मुश्किल होता है. चाणक्य कहते हैं कि मूर्खों के साथ तर्क-वितर्क में समय न गंवाएं. उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए उनके तरीके से ही व्यवहार करें, जैसे कि उन्हें झूठी तारीफ करके.

 

उनके तरीके से आए पेश

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उनके तरीके से आए पेश

आखिर में, चाणक्य यह भी कहते हैं कि मूर्खों से बहस करने की बजाय उनके सामने उनके तरीके से पेश आएं. उनके लिए तारीफ बहुत महत्वपूर्ण होती है, इसलिए उन्हें अपनी ओर करने के लिए यह तरीका अपनाएं.

धयान दें!

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धयान दें!

धयान दें! ये खबर आम मान्यताओं पर आधारित है. पाठक किसी भी तरह के फैसले अपने विवेक के आधार पर ले. ज़ी मीडिया किसी भी दावों की पुष्टि नहीं करता. न ही ऐसा करने को प्रोत्साहित करता है. ज्यादा जानकारी के लिए आप क्षेत्र विशेषज्ञ की मदद ले सकते हैं.