Stress Effect on skin: हाल ही में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया. इस मौके पर विशेषज्ञों ने कई शोधों के आधार पर यह बताया कि खराब लाइफस्टाइल, डिप्रेशन और तनाव का एक प्रमुख कारण बन सकती है. हालांकि, मानसिक स्वास्थ्य पर चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई कि तनाव सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि त्वचा के लिए भी हानिकारक है.
जब हम जरूरत से ज्यादा तनाव लेते हैं तो इसका सीधा प्रभाव हमारी त्वचा पर नजर आने लगता है. मेडिकल लैंगवेज में इसे 'स्ट्रेस स्किन' कहा जाता है. तनाव की स्थिति में नकारात्मक विचार न केवल मानसिक रूप से नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि यह कोमल त्वचा की सेहत पर भी बुरा असर डालते हैं.
अक्सर देखा जाता है कि तनाव से जूझने वाले लोगों के चेहरे पर पिंपल्स नजर आने लगते हैं. तनाव के दौरान शरीर में कोर्टिसोल और अन्य हार्मोन रिलीज होते हैं, जिससे त्वचा का सामान्य संतुलन बिगड़ सकता है.
एक रिसर्च में यह भी पाया गया है कि भावनाओं का सीधा संबंध त्वचा की सेहत से होता है. जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपका शरीर काफी ज्यादा कोर्टिसोल प्रोड्यूस करता है. यह स्ट्रेस हार्मोन सूजन के साथ त्वचा पर कई समस्याएं लेकर आता है.
तनाव के कारण आपकी त्वचा ऑयली हो सकती है, जिससे एक चमकदार चेहरा मुंहासों से भर सकता है. स्ट्रेस स्किन गंभीर सूजन का कारण बन सकती है, जिसकी वजह से स्कीन पर दाग-धब्बे, फुंसियां और जलन महसूस हो सकती है.
यह जाहिर है कि बदलती लाइफस्टाइल, जंक फूड, धूम्रपान, और अत्यधिक शराब का सेवन, स्ट्रेस को और बढ़ा सकते हैं. इसका समाधान यह है कि संतुलित भोजन करें, सकारात्मक सोचें और एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं. अगर इसके बाद भी समस्या बनी रहती है, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए.