Neeraj Chopra: टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतकर हरियाणा और देश का नाम रोशन करने वाले नीरज चोपड़ा ने पेरिस में क्वालीफाई कर लिया है. पानीपत के नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को भाला फेंक प्रतिस्पर्धा के क्वालिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर दूर भाला फेंक इस बार भी गोल्ड जीतने की उम्मीद जगा दी है.
26 वर्षीय नीरज चोपड़ा पानीपत के खंडरा गांव के रहने वाले हैं. 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स और 2021 में टोक्यो ओलंपिक समेत कई इवेंट में गोल्ड जीत चुके नीरज के बारे में ये बातें शायद ही आप जानते होंगे.
11 साल की उम्र में नीरज का वजन 80 किलो तक पहुंच गया था. वजन को कम करने के लिए नीरज चोपड़ा पानीपत स्टेडियम में दौड़ लगाने जाते थे. एक इंटरव्यू के मुताबिक नीरज चोपड़ा के पास एक गिलास जूस के लिए भी पैसे नहीं होते थे. स्टेडियम तक जाने के लिए उन्हें बस से 17 किलोमीटर दूर जाना पड़ता था.
80 किलो के तोंदू बच्चे का जेवलिन थ्रो में देश के युवाओं के लिए आइकॉन बनने का सफर आखिर शुरू कैसा हुआ, इसका किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है. एक इंटरव्यू में अर्जुन अवार्डी एथलीट नीरज चोपड़ा ने इस बारे में बताया था.
नीरज चोपड़ा के मुताबिक वह पानीपत स्टेडियम में हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर चुके जयवीर चौधरी को भाला फेंक में प्रैक्टिस करते देखते थे. एक दिन उन्होंने मुझे भाला थमा दिया, जिसे मैंने दूर तक फेंक दिया. वो जयवीर ही थे, जिन्होंने नीरज की प्रतिभा को पहचाना और ट्रेनिंग में उनकी मदद की.
पानीपत में पर्याप्त सुविधाएं न मिलने की वजह से 14 साल की उम्र में नीरज को पंचकूला जाना पड़ा. कक्षा 9 के बाद उनकी औपचारिक पढ़ाई बाधित हो गई, लेकिन चाचा भीम सिंह ने उन्हें भाला फेंक में अपना करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया.