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इंदिरा के मौत के बाद राजीव गांधी के साथ वही हुआ जिसका डर सोनिया गांधी को 7 साल तक सताता रहा

आज 21 मई है. 1991 में आज के ही दिन रात करीब 10.20 बजे देश को हिलाकर रख देने वाला आत्मघाती हमला हुआ था. तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में लिट्टे उग्रवादियों ने बम विस्फोट कर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. इस हमले में 14 अन्य लोगों ने भी जान गंवा दी थी.

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12वीं पास करने के बाद राजीव गांधी ने कैंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में बीटेक में दाखिला लिया. इसके बाद 1966 में उन्होंने लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में मेकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए एडमिशन लिया, लेकिन दोनों ही जगह उनका मन नहीं लगा. 

Photos- Getty Images

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1966 में राजीव गांधी भारत लौट आए और दिल्ली फ्लाइंग क्लब में ट्रेनिंग लेने के चार साल बाद उन्होंने पायलट के तौर पर एयर इंडिया में काम शुरू कर दिया. 

 

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राजीव गांधी की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन एक विमान हादसे में छोटे भाई संजय गांधी की मौत के बाद अचानक उन्हें राजनीति में आना पड़ा. उन्होंने 16 फरवरी 1981 को अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया. 

 

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कैंब्रिज में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात इटली मूल की एडविज एंटोनिया अल्बिना मेनो नाम की लड़की से मुलाकात हुई और दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे. 1968 में उन्होंने शादी कर ली. शादी के बाद इसी लड़की ने अपना नाम बदलकर सोनिया गांधी रख लिया. 

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इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव रहे पीसी अलेक्जेंडर ने अपनी किताब माय इयर्स विथ इंदिरा गांधी में लिखा है-31 अक्टूबर 1981 को इंदिरा गांधी की हत्या से कुछ घंटों के भीतर ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट के गलियारे में मैंने सोनिया गांधी को राजीव गांधी से लड़ते देखा. राजीव उन्हें बता रहे थे कि पार्टी चाहती है कि मैं प्रधानमंत्री पद की शपथ लूं. सोनिया ने कहा-किसी कीमत पर नहीं, वो लोग तुम्हें भी मार डालेंगे. राजीव का जवाब था-मेरे पास कोई विकल्प ही नहीं है, मैं वैसे भी मारा जाऊंगा.इस बातचीत के करीब 7 साल बाद राजीव के बोले वे शब्द सही साबित हुए थे.