गुरुग्राम में पेट डॉग पालने वालों को तगड़ा झटका, देने पड़ेंगे 2 लाख, कुत्ता भी नहीं रह पाएगा साथ
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गुरुग्राम में पेट डॉग पालने वालों को तगड़ा झटका, देने पड़ेंगे 2 लाख, कुत्ता भी नहीं रह पाएगा साथ

गुरुग्राम में 11 अगस्त को पिटबुल द्वारा महिला के ऊपर किए गए हमले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम ने एमसीजी द्वारा अंतरिम राहत के रूप में महिला को मुआवजे के रूप में 2 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. इसी के साथ इस मामले में कोर्ट ने सख्त टिप्पणी  की है. 

गुरुग्राम में पेट डॉग पालने वालों को तगड़ा झटका, देने पड़ेंगे 2 लाख, कुत्ता भी नहीं रह पाएगा साथ

देवेंद्र भारद्वाज/गुरुग्रामः गुरुग्राम में 11 अगस्त को पिटबुल द्वारा महिला के ऊपर किए गए हमले में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा फैसला दिया गया है कि पीड़ित महिला को 2 लाख का मुआवजा और पिटबुल डॉग को पकड़कर संबंधित एनजीओ को सौंप दिया जाए. गुरुग्राम के सिविल लाइन में 11 अगस्त को मुन्नी नाम की महिला के ऊपर पिटबुल डॉग ने हमला कर दिया था. इस हमले में महिला बुरी तरह से घायल हो गई थी जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

इतना ही नहीं सिर पर गंभीर चोट आने के चलते पिछले 3 महीने से महिला का अस्पताल से इलाज चल रहा था. इस दौरान महिला किसी भी तरह का कार्य नहीं कर पाई जिसके चलते उसके घर की माली हालत खराब हो गई. यही नहीं जिस डॉग ने महिला को घायल किया था उसके मालिक ने भी किसी तरह की आर्थिक सहायता नहीं की, जिसके चलते कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. इस पूरे मामले में जिला उपभोक्ता विवाद निस्तारण आयोग की तरफ से फैसला सुनाया गया.

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फैसले में कहा गया कि पीड़ित महिला को 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए और जिस डॉग ने महिला को घायल किया था. उसे नगर निगम पकड़ कर एनजीओ को सौंपे. समाजसेवी संस्थाओं ने पीड़ित महिला मुन्नी की सहायता की और उसके इलाज के लिए आर्थिक मदद भी की. यही नहीं समाजसेवी संस्थाओं के मार्फत ही कोर्ट में इस पूरे मामले को दायर कराया गया जिसके बाद अब यह फैसला आया है.

हालांकि कोर्ट की तरफ से यह फैसला सुनाया गया है कि जिस तरह डॉग्स के द्वारा हमले के कई मामले सामने आए हैं. दरअसल, मुन्नी नाम की महिला घरों में काम कर कर अपनी आजीविका चला रही थी, लेकिन कुत्ते के हमले में घायल हुई यह महिला पिछले काफी समय से घर पर ही इलाज करा रही थी, जिसके चलते उसकी आर्थिक हालत खराब हो गई और घर का गुजर-बसर नहीं हो पा रहा था. कोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए इस पर यह फैसला सुनाया.