PM मोदी ने किया प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर का उद्घाटन, बोले- 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार यानी आज दिल्ली के प्रगति मैदान टलन का उद्घाटन किया. इसके साथ ही प्रगति मैदान टनल और 5 अंडरपास लोगों के आवागमन के लिए खोल दिए गए हैं. इससे दिल्लीवासियों को जाम से राहत मिल सकेगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार यानी आज दिल्ली के प्रगति मैदान टलन का उद्घाटन किया. इसके साथ ही प्रगति मैदान टनल और 5 अंडरपास लोगों के आवागमन के लिए खोल दिए गए हैं. इससे दिल्लीवासियों को जाम से राहत मिल सकेगी. इस टनल के खुलने से रिंग रोड के रास्ते सेंट्रल दिल्ली आना आसान हो जाएगा. साथ ही इससे पूर्वी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद से इंडिया गेट और सेंट्रल दिल्ली के अन्य हिस्सों तक आसानी से लोग पहुंच सकते हैं.
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पीएमओ (PMO) के अनुसार प्रगति मैदान इंटीग्रेटेड ट्रांजिट कॉरिडोर 920 करोड़ रुपये से अधिक लागत से बना है. प्रगति मैदान टनल की कुल लंबाई 1.3 किलोमीटर है और इसकी चौड़ाई में 6 लेन है और इसकी कुल लागत 923 करोड़ रुपये आई है. इस टनल को 7 अलग-अलग रेलवे लाइन के अंदर से बनाया गया है. इस बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने 80 % फंड दिया है, जबकि 20% फंड आईटीपीओ (ITPO) की तरफ से दिया गया है.
पीएम मोदी ने प्रगति मैदान से कहा कि आज दिल्ली को केंद्र सरकार की तरफ से आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का बहुत सुंदर उपहार मिला है. इतने कम समय में कॉरिडोर को तैयार करना आसान नहीं था, जिन सड़कों के आसपास यह कॉरिडोर बना है, वे सड़कें दिल्ली की सबसे व्यस्त सड़कें हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत सरकार दिल्ली में विश्वस्तरीय कार्यक्रमों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं, प्रदर्शनी हॉलों के लिए लगातार काम कर रही है. अग्निपथ विवाद के बीच प्रधानमंत्री मोदी बोले- ये आज का नया भारत है. ये भारत समाधान करता है. उन्होंने कहा कि, नए काम करने पर मुसीबत झेलनी पड़ती है. PM मोदी ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले 8 सालों में हमने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं. बीते 8 सालों में दिल्ली-एनसीआर में मेट्रो सेवा का दायरा 193 किलोमीटर से करीब 400 किलोमीटर तक पहुंच चुका है.
प्रधानमंत्री बोले दशकों पहले भारत की प्रगति को, भारतीयों के सामर्थ्य, भारत के प्रॉडक्ट्स, हमारी संस्कृति को शोकेस करने के लिए प्रगति मैदान का निर्माण हुआ था. तबसे भारत बदल गया, भारत का सामर्थ्य बदल गया, जरूरतें कई गुणा बढ़ गईं, लेकिन प्रगति मैदान की ज्यादा प्रगति नहीं हुई. इसका प्लान कागज पर दिखाया गया था, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं हुआ.
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