मां बनना चाहती हैं तो इस दौरान बनाए रिलेशन, होंगी आसानी से प्रेग्नेंट
मां बनना हर महिला के लिए सबसे अच्छा अनुभव होता है. वहीं कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंट होने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. आज हम आपको इस खबर के जरिये आसान तरीके से प्रेग्नेंट होने के बारे में बताएंगे.
New Delhi: हर महिला के लिए मां बनना एक अलग ही लेवल की खुशी देता है. वहीं मां बनना मतलब पहले अपने शरीर में एक नई जिंदगी को जन्म देना आसान काम नहीं होता है. इसके लिए महिलाओं को लंबी प्लानिंग करनी होती है. वहीं कई महिलाओं को अचानक पता पड़ता है कि वो प्रेग्नेंट (Pregnant) हैं. प्रेग्नेंट होने के लिए एक जटिल प्रक्रिया होती है जो कि कई चरणों में होती है. इसमें समय भी लगता है. आज हम आपको प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे.
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ओव्यूलेशन के समय में होंगी प्रेग्नेंट
महिला सबसे आसानी से ओव्यूलेशन के समय में प्रेग्नेंट हो सकती है. महिला के अंडाशय से अंडे के बाहर निकलने की प्रक्रिया को ओव्ल्यूलेशन कहते हैं. यह अवधि हर महीने पीरियड्स के दो हफ्ते पहले आती है. इस समय एग महिला के फैलोपियन ट्यूब में पुरुष के वीर्य से मिलने का इंतजार करता है. इस अवधि को फर्टिलिटी विंडो कहा जाता है. इस समय किसी भी महिला का शरीर सबसे ज्यादा फर्टाइल होता है. इस दौरान संबंध बनाने से महिला आसानी से प्रेग्नेंट हो जाती है.
बता दें कि ओव्यूलेशन की अवधि के दौरान अगर आप बिना प्रोटेक्शन के रिलेशन बनाते हैं तो इस अवधि में स्पर्म की एग को फर्टिलाइज करने की प्रक्रिया भी तेज होती है. इ दौरान महिला का एग 12 से 24 घंटे तक फर्टिलाइजेशन के येग्य होता है. वहीं शुक्राणु तीन से पांच दिन तक महिला के अंदर जीवित रहता है जो कि एग के साथ सफल निषेचन के लिए इंतजार करता है. अगर आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हैं तो ओव्यूलेशन की अवधि सबसे बेस्ट है.
बता दें कि एक बार एग फर्टीलाइज हो जाता है तो वह गर्भाशय की दीवार पर चिपक जाता है. इसके बाद प्लैसेंटा बनना शुरू होता है. प्लैसेंटा बनने के बाद वो कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG)हार्मोन रिलीज करता है. प्रेग्नेंट होने के 10 दिन बाद ही महिलाओं के ब्लड और यूरीन में एचसीजी दिखाई देने लगता है. बता दें कि कई प्रेग्नेंसी टेस्ट भी इसी के आधार पर आते हैं.
प्रेग्नेंसी टेस्ट
प्रेग्नेंसी टेस्ट दो तरह से होते हैं. एक तो जो घर पर ही किया जाता हैं. दूसरा जो डॉक्टर ब्लड टेस्ट के द्वारा करता है. दोनों में ही एचसीजी के स्तर को मापा जाता हैं. बता दें कि प्रेग्नेंट होने के बाद के पहले दो से तीन महीने इसका स्तर तेजी से बढ़ता है. इसके बाद कम होने लगता है. वहीं आपको बता दें कि आपनी प्रेग्नेंसी के बारे में जानने के लिए आप मार्केट में मौजूद प्रेग्नेंसी किट से चेक कर सकती है.
प्रेग्नेंट होने पर करें ये काम
अगर आप प्रेग्नेंट हो जाती हैं तो धूम्रपान और शराब का सेवन करना तुरंत छोड़ दें, क्योंकि ये गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा नहीं है.साथ ही अगर पहले से कोई दवाई ले रही हैं तो प्रेग्नेंसी कन्फर्म होने के बाद डॉक्टर के परामर्श के बाद ही वो दवाएं जारी रखें. साथ ही हेल्दी डाइट, खूब सारा पानी पिएं और अच्छी लींद लें.