Chandigarh News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव रद्द करने की मांग वाली 1000 याचिकाओं को किया खारिज
Panchayat Elections: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आगामी पंचायत चुनावों को रद्द करने की मांग करने वाली 1,000 से अधिक याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत ने 206 पंचायतों पर प्रतिबंध भी हटा दिया
Punjab Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आगामी पंचायत चुनावों को रद्द करने की मांग करने वाली 1,000 से अधिक याचिकाओं को खारिज कर दिया है. अदालत ने 206 पंचायतों पर प्रतिबंध भी हटा दिया, जिससे बिना किसी कानूनी बाधा के 15 अक्टूबर को निर्धारित चुनावों को आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई.
हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि केवल चुनाव आयोग को ही चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का अधिकार है. इसके अतिरिक्त अदालत ने आदेश दिया कि चुनावों को वीडियोग्राफी और रिकॉर्डिंग के माध्यम से प्रलेखित किया जाना चाहिए. हालांकि इन याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में अदालत के फैसले को चुनौती देने की योजना का संकेत दिया है, जो चुनावों के आसपास चल रहे कानूनी विवाद की ओर संकेत देता है. चुनाव 13,237 'सरपंचों' और 83,437 'पंचों' के लिए होने वाले थे.
एक याचिका छोड़कर हाई कोर्ट ने सभी याचिकाएं की खारिज
एडवोकेट हाकम सिंह ने कहा कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में पंचायत चुनावों के संबंध में करीब 1000 रिट याचिकाएं दायर की गई थीं. वहीं इसके साथ ही 250 रिट याचिकाएं भी दायर की गई थीं और उन्हें 11 आधारों पर अलग-अलग किया गया था. वीडियोग्राफी के आधार पर एक याचिका को छोड़कर सभी याचिकाएं हाईकोर्ट ने खारिज कर दी हैं. 250 रिट याचिकाओं पर लगी रोक भी हटा दी गई है. हाकम सिंह ने कहा कि हम कल सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. वहीं पंजाब हाई कोर्ट ने पहले पूरे राज्य में पंचायत के चुनावों पर कोर लगाने से इनकार कर दिया था. हालांकि इसके साथ ही अदालत ने उन चुनिंदा गांवों में चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी, जहां उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल करने में आने वाली जटिलताओं के बारे में शिकायत की गई थीं.
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बाजवा ने आम आदमी पार्टी का आलोचना
पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने नामांकन दाखिल करने में उम्मीदवारों द्वारा सामना की जाने वाली जटिलताओं के लिए आम आदमी पार्टी की आलोचना की. उन्होंने सरकारी अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया, जिसके कारण विभिन्न पंचायत क्षेत्रों में आरक्षण और नामांकन से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर उम्मीदवारों में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई. बाजवा ने कहा कि सदन में पंजाब के मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि पंचायत चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराए जाएंगे. हमने राज्य चुनाव आयुक्त को बताया कि पिछले दो दिनों से कोई भी पंचायत सचिव, बीडीपीओ या तहसीलदार अपने-अपने कार्यालयों में मौजूद नहीं है.
Input: ANI
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