Rahul Gandhi News: कांग्रेस के नेता, जिनमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं, संभल में हुई हिंसा की स्थिति का जायजा लेने के लिए जा रहे थे.  मगर उन्हें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया. इस दौरान रास्ते में बैरिकेड्स लगा दिए गए, जिससे यातायात ठप हो गया. जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया. 


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राहुल गांधी को संभल यात्रा पर रोक लगाने से यूपी गेट पर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं का हंगामा किया. वहीं राहुल गांधी के बॉर्डर पर पहुंचने से पहले एसपीजी से डीसीपी निमिष पाटील और एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बातचीत की थी. फिलहाल राहुल गांधी को संभल जाने की इजाजत नहीं मिलने पर वह वापस लौट गए हैं. 


समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने राहुल गांधी की संभल यात्रा पर कहा कि हमारी पार्टी पहले से ही वहां जा रही थी और उन्हें भी अनुमति नहीं दी गई थी. राहुल गांधी और अन्य कांग्रेस नेता अब जा रहे हैं. इस बयान से स्पष्ट है कि राजनीतिक दलों के बीच की प्रतिस्पर्धा भी इस मुद्दे में शामिल है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की संभल यात्रा को लेकर सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इससे गाज़ीपुर सीमा पर यातायात में भारी रुकावट आई है. यह दर्शाता है कि सरकार इस यात्रा को लेकर कितनी सतर्क है. 


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कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्लू ने कहा कि राहुल गांधी निश्चित रूप से साम्भल जाएंगे और पीड़ितों के परिवारों से मिलेंगे. उन्होंने कहा, सरकार हमें क्यों रोक रही है? वे क्या छिपाना चाहते हैं? उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को यह देखने का अधिकार है कि देश में क्या हो रहा है. 


बता दें कि संभल जिले में 24 नवंबर को एक पुरातात्विक सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इस सर्वेक्षण का उद्देश्य एक मुगल युग की मस्जिद का अध्ययन करना था. इस झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और कई पुलिसकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए. इस सर्वेक्षण की शुरुआत एक स्थानीय अदालत में दायर याचिका के बाद हुई थी, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद का स्थल मूल रूप से एक हरिहर मंदिर था.इस याचिका ने धार्मिक भावनाओं को उत्तेजित किया, जिसके परिणामस्वरूप हिंसा हुई. 


अजय कुमार लल्लू ने कहा, अगर विपक्ष का नेता स्थल पर नहीं जाएगा, तो वह संसद में इस मुद्दे को कैसे उठाएगा? उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार की तानाशाही का प्रतीक है कि वे विपक्ष के नेताओं को घटनास्थल पर जाने से रोक रहे हैं.