सिर्फ राजपथ का नाम ही नहीं, अंग्रेजों की कई निशानी को मिटा चुकी मोदी सरकार
इस साल 15 अगस्त को पीएम मोदी ने `पंच प्रण` लिया था. जिसमे उनका दूसरा प्रण देश को गुलामी की हर सोच से मुक्त कराना था. मोदी सरकार ने अपने 8 साल में ऐसा ही कुछ किया है. और इसी कड़ी में सितंबर 2022 की शुरुआत में भारतीय नौसेना को नई पहचान मिली. अब तक नौसेना के झंडे में किंग जॉर्ज का कॉर्स था जो कि अब अतीत का हिस्सा हो गया है और अब नौसेना के झंडे में शिवाजी महाराज की मोहर लगाई गई है.
नई दिल्ली: देश की राजधानी के सेंट्रल विस्टा एवेन्यू में आने वाले राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया. नई दिल्ली म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन की एक बैठक में इसको मंजूरी दी गई थी. पीएम मोदी ने कर्तव्य पथ का नामकरण और उद्घाटन भी कर दिया है. इसके साथ ही इंडिया गेट के किंग जॉर्ज पंचम वाली जगह पर अब नेताजी सुभाए चंद्र बोस की प्रतिमा भी लगा दी गई है.
पीएम मोदी ने दिल्ली के इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा को देश को समर्पित की. जहां इस साल की शुरुआत में पराक्रम दिवस के अवसर पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का उद्घाटन किया गया था.
इस साल 15 अगस्त को पीएम मोदी ने 'पंच प्रण' लिया था. जिसमे उनका दूसरा प्रण देश को गुलामी की हर सोच से मुक्त कराना था. मोदी सरकार ने अपने 8 साल में ऐसा ही कुछ किया है. और इसी कड़ी में सितंबर 2022 की शुरुआत में भारतीय नौसेना को नई पहचान मिली. अब तक नौसेना के झंडे में किंग जॉर्ज का कॉर्स था जो कि अब अतीत का हिस्सा हो गया है और अब नौसेना के झंडे में शिवाजी महाराज की मोहर लगाई गई है.
मोदी काल में इन जगहों के बदले गए नाम
2015-औरंगजेब रोड का नाम बदलकर एपीजे अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया.
2015-पीएम आवास के रेस कोर्स का नाम कल्याण मार्ग कर दिया गया है.
2017-डलहौजी रोड का नाम बदलकर दारा शिकोह रोड कर दिया गया था.
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2017-गुजरात के कांडला पोर्ट का नाम भी दीनदयाल पोर्ट रखा गया.
2018-तीन मूर्ति चौक का नाम बदल कर तीन मूर्ति हैफा चौक कर दिया गया.
2018-उत्तरप्रदेश के मुगलसराय जंक्शन का नाम बदलकर दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन कर दिया गया.
2018-हरियाणा के गुड़गांव को गुरुग्राम कर दिया गया.
2018-यूपी के फैजाबाद को अयोध्या और इलाहाबाद को प्रयागराज का नाम दे दिया गया.
2014 से अब तक 1500 से ज्यादा कानून खत्म
इस साल मई में पीएम मोदी जर्मनी गए थे, इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि भारत की आजादी के बाद भी देश के कई कानून अंग्रेजो के बनाए गए थे, जिसे बीजेपी के शासन में खत्म किया गया है. साल 2014 से 2016 तक 1175 कानूनों को हटाया गया है और 2014 से अब तक 1500 से ज्यादा कानून को खत्म किया जा चुका है. सरकार के अनुसार अंग्रेजी काल से चली आ रही 25 हजार शर्तों को भी खत्म किया जा चुका है.
इसके साथ-साथ जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है उन राज्य के शहरों, स्टेशनों और संस्थानों का नाम भी बदल दिए गए है. इन सब में खास बात तो ये है कि जन योजनाओं के नाम बदले गए उन सबका नया नाम जनसंघ के संस्थापक दीन दयाल उपाध्याय के नाम पर रखे गए हैं.
इतना ही नहीं बीजेपी के 8 साल के शासन काल में शैक्षणिक संस्थान और रेलवे स्टेशनों के नाम बदलकर दीनदयील उपाध्याय के नाम पर रखे गए हैं. जैसे कि दीनदयाल अंत्योदय योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना और दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम साथ कई केंद्रीय योजनाएं चल रही हैं. इसके अलावा राज्यों में भी दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कई योजनाएं चल रहीं हैं