सतलोक आश्रम संचालक रामपाल को मिली बड़ी राहत, कोर्ट ने किया दोष मुक्त
आर्य समाज और रामपाल के अनुयायियों के बीच हुए खूनी संघर्ष मामले में, कोर्ट ने रोहतक सतलोक आश्रम संचालक रामपाल को दोष मुक्त कर दिया है. इस मामले में कुल 38 आरोपी थे. 38 में से पांच लोगों की मौत हो गई और पांच भगोड़े थे. कुल मिलाकर आज 27 लोगों के हक में फैसला सुनाया गया है.
राज ताकिया/रोहतकः रोहतक सतलोक आश्रम संचालक रामपाल को कोर्ट ने किया दोष मुक्त कर दिया है. रामपाल के साथ इस मामले में कुल 38 आरोपी थे और इन सभी पर 302, 307, 148, 149, 323 के तहत था मामला दर्ज हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, यह केस 16 साल तक चला, 38 में से पांच लोगों की मौत हो चुकी है और पांच भगोड़े थे. कुल मिलाकर आज 27 लोगों के हक में फैसला सुनाया गया है.
रामपाल पर गोली चलवाने का था आरोप
बता दें कि साल 12 फरवरी, 2006 में आर्य समाज और रामपाल के अनुयायियों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था, जिसमें रामपाल के ऊपर गोली चलाने का आरोप लगा था. इस खूनी संघर्ष में झज्जर जिले के रहने वाले 62 वर्षीय बुजुर्ग सोनू की मौत हो गई थी. इस मामले में आईपीसी की धारा 302, 307,148,149,323 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. रामपाल समेत बाकी बचे आरोपियों को आज एडिशनल जज राकेश सिंह की कोर्ट द्वारा फैसला सुनाया गया है.
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रामपाल के आश्रम से मिले हथियार में से नहीं चली थी गोली
इस पूरे मामले में कुल 26 लोगों की गवाही सामने आई थी. मगर इन में से किसी ने भी रामपाल के खिलाफ गोली चलवाने की गवाई नहीं दी थी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि रामपाल के आश्रम से बरामद किए गए 13 हथियारों में से किसी भी हथियार से बुजुर्ग सोनू पर गोली नहीं चलाई गई थी. रामपाल को राकेश सिंह एडिशनल जज रोहतक कोर्ट ने बरी किया है.