रेवाड़ी में दूषित पानी बन रहा मुसिबत, अधिकारी बरत रहे लापरवाही, NGT करेगा कार्रवाई
रेवाड़ी में दूषित पानी लोगों की एक बड़ी समस्या बन गया है. सरकार ने पानी को ट्रीट करने के लिए करोड़ों रुपये लगाकर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगवाया है ताकि पानी को ट्रीट करके नदी में छोड़ा जा सके, लेकिन अधिकारी बिना ट्रीट करे ही पानी को ऐसे ही रीलीज कर रहे हैं. इससे लोगों को खासी परेशानी हो रही है.
पवन कुमार/रेवाड़ी: रेवाड़ी शहर से निकलने वाला दूषित पानी लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है. दूषित पानी को ट्रीट करके इस्तेमाल किए जाने को लेकर सरकार ने करोड़ों रूपये खर्च किए हैं, लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों की लापरवाही के कारण स्थानीय जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. दूषित पानी के कारण भू-जल खराब होता जा रहा है. बीमारी बढ़ने का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. किसानों की खेती खराब हो रही है. शासन –प्रशासन ने शिकायतों के बावजूद इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो ये मामला एनजीटी (NGT) कोर्ट तक पहुंच गया है.
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एनजीटी के आदेश पर सबंधित विभागों की संयुक्त टीम बनाकर पानी के सैंपल लिए गए हैं, जो कि सभी सैंपल फेल पाए गए हैं. अब इस मामले में एनजीटी कोर्ट में 18 जनवरी को सुनवाई होगी.
बता दें कि रेवाड़ी शहर, धारूहेड़ा और बावल शहर से निकलने वाले दूषित पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट करके साबी नदी बैराज में छोड़ने का प्रोजेक्ट सरकार ने पास किया था. इस पर करोड़ों रूपये खर्च करके काम भी किया गया था, लेकिन इलाके के लोगों की बदकिस्मती देखिये कि अधिकारी इतने बेपरवाह हैं कि बड़ी मात्रा में आज भी खुले में दूषित पानी छोड़ा जा रहा है. जिस साबी नदी बैराज में पानी को ले जाया गया है. वहां पर भी बिना ट्रीट किए ही दूषित पानी छोड़ा जा रहा है. इसके कारण भू-जल खराब होता जा रहा है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
अधिकारी कर रहे मनमानी
दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित मसानी गांव के पास साबी नदी बैराज बनाया हुआ है. यहां बैराज बनने के बाद कभी नदी का पानी नहीं आया है. हरियाणा सरकार ने इस बंजर हो चुकी जगह को झील में विकसित करके पर्यटक स्थल बनाने का सपना दिखाया और गिरते भू-जल की समस्या से निजात दिलाने के लिए शहर से निकलने वाले दूषित पानी को ट्रीट करके बैराज में छोड़ने का प्लान बनाया था, लेकिन यहां अधिकारियों की मनमानी के कारण एसटीपी प्लांट से बिना ट्रीट किए ही पानी को लंबे समय से छोड़ा जा रहा है. इसके कारण ग्राउंड वाटर भी दूषित होता जा रहा है.
सैंपल फेल पानी
इस समस्या को लेकर शिकायतकर्ता प्रकाश खरखड़ा लंबे समय से इलाके में फैल रहे प्रदुषण की समस्या को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन हरियाणा प्रदुषण कंट्रोल बोर्ड हो या शासन-प्रशासन किसी ने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया. इसके बाद गांव खरखड़ा निवासी प्रकाश खरखड़ा ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में शिकायत लगाई है, जिसके बाद एनजीटी के आदेश एक कमेटी बनाकर साबी नदी बैराज में छोड़े जा रहे गंदे पानी के सैंपल्स लिए, जो सभी फेल पाए गए हैं.
अधिकारी आश्वासन देते हैं समाधान नहीं
इसके आलावा रेवाड़ी शहर के नासियाजी रोड स्थित एसटीपी का पानी कुंभावास गांव के आस-पास खेतों में खड़ी फसल में पानी भरा हुआ है. किसान कहते है कि अधिकारी आश्वासन देते हैं, लेकिन समाधान नहीं होता. ऐसा एक दो वर्षों से नहीं बल्कि 6 वर्षों से हो रहा है. फिलहाल हरियाणा प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने रिपोर्ट तैयार कर ली है. जिस मामले में 18 जनवरी 2023 को सुनवाई होगी.