Kaithal News: रूस-यूक्रेन वॉर में हरियाणा के कैथल जिले के एक युवक की मौत हो गई. उसे गांव के ही एक एजेंट ने रूस में नौकरी दिलाने के नाम पर भेजा था, लेकिन बाद में उसे युद्ध में धकेल दिया. युवक की मौत के बाद गांव में मातम पसरा है. मृतक के परिजन सरकार से शव को वापस लाने की मांग कर रहे हैं. वहीं गांव के कई अन्य युवक भी युद्ध लड़ रहे हैं, जिनके परिजन उनके सुरक्षित वापस आने का इंतजार कर रहे हैं. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये भी पढ़ें- INDIA Alliance Protest: CM केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में  I.N.I.D.A. का प्रदर्शन


क्या है पूरा मामला?
कैथल जिले के गांव मटौर के रहने वाले  22 वर्षीय रवि मौण की रूस-यूक्रेन युद्ध में मौत हो गई, वो रूसी सेना की तरफ से युद्ध लड़ रहा था. मृतक के बड़े भाई ने बताया कि एक एकड़ जमीन को बेचकर उन्होंने एजेंट को 11 लाख रुपये दिए थे, जिसके बाद में 13 जनवरी 2024 को उनका छोटा भाई रवि गांव के छह अन्य युवाओं के साथ रोजगार की तलाश में विदेश चला गया. एजेंट ने उन्हें हेल्पर की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था, लेकिन उनके भाई को रूस-यूक्रेन युद्ध में धकेल दिया गया. उन्होंने बताया कि रवि के साथ उनका आखिरी संपर्क 12 मार्च को हुआ था. उस दौरान उसने बताया कि वे 6 मार्च से लड़ाई में लगे हुए हैं. अब उन्हें फिर से युद्ध क्षेत्र में जाना होगा. 12 मार्च के बाद से रवि की कोई जानकारी नहीं मिली. रवि के बारे में स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय विदेश मंत्री से संपर्क किया. अंत में, रवि के पासपोर्ट नंबर का प्रमाण प्रस्तुत करते हुए दूतावास से मृत्यु की सूचना दी. 


रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच लापता हुए 22 वर्षीय रवि मौण के परिवार को लगभग पांच महीने बाद उसकी मौत की खबर मिली है. दूतावास ने रवि के शव को परिजनों के सुपुर्द करने के लिए पहचान के तौर पर उसकी मां की DNA रिपोर्ट मांगी है, लेकिन रवि की मां की पहले ही मौत हो चुकी है. पिता के बेहद बीमार होने की स्थिति में बड़े भाई अजय मौण DNA के लिए आगे आए हैं. इस संबंध में अजय ने मॉस्को में भारतीय दूतावास को ई-मेल लिखा है. ई-मेल का जवाब मिलने के बाद और DNA रिपोर्ट भेजने के बाद ही शव को स्वदेश लाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सकेगा.


रवि के परिवार का आरोप है कि उन्हें उसके रूसी सेना में शामिल होने के बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी. रवि को धोखे से रूस की सेना में शामिल कराया गया है. इस पूरे मामले के बाद एजेंट्स को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि किस तरह से वो भोले भाले युवाओं को रोजगार के नाम पर युद्ध की आग में झोंक रहे हैं. कैथल पुलिस ने इस मामले में एक एजेंट को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान सत्यवान के तौर पर हुई है जो मृतक रवि मौण के ही गांव का रहने वाला. वहीं रवि के अलावा एजेंट ने गांव के 6 और युवकों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर रूस भेजा था, जो युद्ध लड़ रहे हैं. परिजनों की मांग है कि उनके बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाया जाए.


Input- Vipin Sharma