Same Sex Marriage: समलैंगिक विवाह को लेकर जल्द ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का निर्णय और केंद्र सरकार (Central government) का फैसला आने वाला है, जिसमें समलैंगिक विवाह (gay marriage) की अनुमति दी जा सकती है. इसी के खिलाफ सभी सामाजिक, धार्मिक महिला संगठनों की महिलाएं सड़कों पर उतर आई हैं. जगह-जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इतनी ही नहीं राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के नाम ज्ञापन भेजे जा रहे हैं.


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यमुनानगर जिला सचिवालय में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक संस्थाओं की महिला प्रतिनिधियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. उसके बाद राष्ट्रपति व सुप्रीम कोर्ट के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया गया है. इस अवसर पर महिला संगठनों की नेताओं का कहना था कि समलैंगिक विवाह किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. प्रकृति ने जो नियम और सिस्टम बनाया है यह उसके खिलाफ है, देश की संस्कृति के विरुद्ध है.


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उन्होंने कहा कि यह भविष्य में युवा पीढ़ी को भारी नुकसान वाला साबित होने वाला है, इसको लेकर पूरे भारत में प्रदर्शन किए जा रहा हैं. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस तरह के विवाह की अनुमति न दी जाए, यह किसी भी दृष्टि से सही व उचित नहीं है. महिला संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि देश की संस्कृति व प्राकृतिक नियम इससे बुरी तरह प्रभावित होंगे. इसलिए इसे किसी भी स्थिति में लागू नहीं किया जाना चाहिए. इसका कोई लाभ नहीं है सिर्फ नुकसान ही नुकसान है.


(इनपुटः कुलवंत सिंह)