कमरजीत सिंह/करनाल: करनाल केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी (MSP) को लेकर बनाई गई कमेटी को संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सिरे खारिज कर आंदोलन चलाने की घोषणा कर दी है. एसकेएम नेता जोगिंद्र उंगराहा, योगेंद्र यादव ने कहा कि किसानों को यह कमेटी किसी हाल में मंजूर नहीं है. सरकार पिछले दरवाजे से 3 कृषि कानूनों को लाना चाहती है, कमेटी में उन लोगों को बैठा दिया, जो शुरू से लेकर अंत तक कानूनों की वकालत कर रहे थे. ये बात उन्होंने किसान नेताओं ने कलंदरी गेट स्थित गुरुद्वारा डेरा कार सेवा में आयोजित संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग में कही.


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किसान नेता जोगिंद्र उंगराह ने कहा कि जो प्लान एसकेएम ने बनाया था. उसे लागू करने के लिए करनाल में मीटिंग रखी गई थी. केंद्र सरकार ने कमेटी में किन लोगों को लिया जाएगा, उसे साफ नहीं किया था. कमेटी किसलिए बनाई गई है, ये भी स्पष्ट नहीं है. किसान एमएसपी पर कानूनी गारंटी मांग रहे हैं, लेकिन सरकार इस बात को दूर रख रही है. जो किसानों को मंजूर नहीं. सरकार ने जो कमेटी बनाई है, उसमें पता नहीं किन-किन लोगों के खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि गाजियाबाद यूपी में हुए सम्मेलन में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया था कि एसकेएम कमेटी में नहीं जाएगा.


कमेटी को लेकर किसानों ने जताया था संदेह
किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 3 कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर कमेटी बनाने की बात कही थी. उसी वक्त किसानों ने कमेटी बनाने पर संदेह जताया था. जो अब सही साबित हो चुका है. सरकार ने कमेटी में उन लोगों को शामिल किया है, जो कानूनों की वकालत करते थे. हैरानी की बात ये कि कमेटी का अध्यक्ष उसे बनाया है, जिसने कानूनों को बनाया था. कमेटी में 3 नेताओं के नाम मांगे हैं. वो कह रहे है कि एसकेएम नाम नहीं दे रहा है. जब हमें पता नहीं कि कमेटी किस लिए बनाई है, कमेटी एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर है या कुछ ओर बनाने के लिए. 


उन्होंने आरोप लगाया कि कमेटी में 5 ऐसे लोगों को बैठा दिया है, जो आरएसएस और बीजेपी के है, जो 3 कृषि कानूनों के समर्थक हैं. सरकार पिछले दरवाजे से तीनों कृषि कानूनों को लाने की कोशिश करेंगी. इसलिए सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी में जाने का और सहयोग करने का कोई मतलब नहीं है. हम सरकार की कमेटी को खारिज करते है और कमेटी का भाड़ाभोड़ करेंगे. हमें कमेटी नहीं चाहिए. सरकार को पहले आश्वासन देना चाहिए कि हम एमएसपी पर कानून बनाने के लिए समझौता करें. कानून की व्याख्या क्या होगी, इस पर कमेटी बना लो.


जय जवान जय किसान सम्मेलन
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों की बैठक में जो निर्णय लिए थे. उन्हें हरियाणा में लागू करने की योजना बनी थी. इसी को लेकर मीटिंग हुई है. मीटिंग में फैसला हुआ कि 31 तक बकाया मांगों को लेकर सम्मेलन करना, 4 घंटों के लिए चक्का जाम करना. 7 से 14 अगस्त तक जिला स्तर पर जय जवान जय किसान सम्मेलन, जिसमें एक्स सर्विस मैन, बेरोजगारों के संगठन शामिल रहेंगे. उन्होंने कहा कि एसकेएम किसानों के हकों के साथ खड़ा रहेगा. किसानों की जमीन नहीं छीनने देंगे, उसके लिए 5 अगस्त से सभी डीसी को ज्ञापन दिए जाएंगे. इसके लिए एक अभियान चलाया जाएगा. संयुक्त किसान मोर्चा हर मुद्दें पर लड़ेगा. अग्रिपथ योजना का विरोध करने के लिए एसकेएम जय जवान जय किसान सम्मेलन आयोजित कर रहा है.


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