MSP की मांग कर रहे किसान बोले- भारत करे सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द
जंतर मंतर पर आज किसान संगठनों ने महापंचायत का आयोजन किया. इस दौरान किसानों ने केंद्र सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 15 दिन की समय दिया है. इस दौरान किसान नेता शिवकुमार कक्का ने बताया कि अगर ये मांगे दिए समय पर नहीं मानी गई तो एक उग्र आंदोलन किया जाएगा.
नई दिल्ली: दिल्ली के जंतर मंतर पर आज संयुक्त किसान मोर्चा ने महापंचायत की. देशभर के अलग-अलग हिस्सों से किसान इस महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए आए. किसानों ने यह महापंचायत बेरोजगारी, महंगाई, एमएसपी (MSP) गारंटी कानून, बिजली बिल माफ, देश के किसानों की कर्जमाफी सहित कई मांगों को लेकर की. इस दौरान किसान नेता शिवकुमार कक्का ने बताया कि केंद्र सरकार को मांगें मानने के लिए 15 दिन का समय दिया है. इसके बाद भी मांगें नहीं मानी गईं तो उग्र आंदोलन होगा.
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बता दें कि महापंचायत में हिस्सा लेने के लिए अलग-अलग राज्यों से किसान दिल्ली पहुंचे थे. इस दौरान दिल्ली के कई इलाकों में लंबा ट्रैफिक जाम लग गया था. वहीं दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को जंतर-मंतर पर महापंचायत करने की अनुमति नहीं दी थी. इस कारण गाजीपुर बॉर्डर पर कुछ किसानों को हिरासत में भी लिया था. इसके बाद भी जंतर-मंतर पर हजारों की सेख्या में किसान इकट्ठा हो गए थे.
इस दौरान किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा का कहना है कि अभी हमारा आंदोलन सिर्फ फिल्म से पहले का ट्रेलर है. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती है तो बड़े आंदोलन के जरिये पूरी फिल्म दिखाई जाएगी. हमारा आंदोलन गैर राजनीतिक है और यह आंदोलन के पहले दिन से साफ था. आज यूपी, हरियाणा और पंजाब समेत अन्य राज्यों से बड़ी संख्या किसान आए हैं, जो इस संगठन की जीत है. हमारी मांग है कि लखीमपुर खीरी मामले में गृह राज्यमंत्री का इस्तीफा लिया जाए. वहीं उन्होंने आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किया जाए.
किसान संगठनों ने आज लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ दिलाने और जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की मांग की. उनकी दूसरी मांग है कि स्वामीनाथन आयोग के C2+50% (खेती की लागत की गणना के C2 फॉर्मूले में किसानों को 50% रिटर्न देने के लिए पूंजी की लागत और भूमि पर लगान शामिल है. इसमें एक संकीर्ण उपाय जो एक किसान द्वारा किए गए सभी भुगतान की गई लागत और मूल्य को ध्यान में रखता है.) फॉर्मूले के अनुसार MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए. देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त किया जाए. बिजली बिल 2022 रद्द करने की भी मांग की. गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और गन्ने की बकाया राशि का भुगतान तुरंत करने की मांग की. भारत WTO से बाहर आए और सभी मुक्त व्यापार समझौतों को रद्द किया जाए. किसान आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का भुगतान तुरंत किया जाए. अग्निपथ योजना वापस लेने की मांग को लेकर आज किसानों ने महापंचायत की.
वहीं इस महापंचायत को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने सफाई दी है कि जंतर-मंतर पर बुलाई गई इस महापंचायत का आह्वान उसने नहीं किया है. कुछ किसान संघ जो 2020-21 में विरोध के दौरान एसकेएम का हिस्सा थे, वो लोग इसका आयोजन कर रहे हैं. बीकेयू एकता सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दल्लेवाल सोमवार के प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि बाकी किसान संघ और नेता इसका हिस्सा नहीं हैं.