राकेश भयाना/पानीपत : Kanwar Yatra 2022 : सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू हो चुका है. सावन का महीना कांवड़ियों के लिए खास होता है. कोरोना के 2 साल बाद कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए जा रहे हैं तो उम्मीद है कि इस बार कांवड़ियों की संख्या अधिक रहने वाली है. पानीपत का सनोली रोड जो कि नेशनल हाईवे 709 है. यह सनोली रोड यूपी को जोड़ता है जो कि हरिद्वार तक का मुख्य मार्ग है, लेकिन हाईवे की हालत बद से बदतर हैं. पिछले 1 साल से इस हाईवे को ठीक करने के लिए प्रशासन व नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए हैं. 


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इस हाईवे से उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान से लेकर कई राज्यों से कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार पानीपत यूपी हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढे कांवड़ियों के साथ आम जनता के लिए भी सिर का दर्द बने हुए हैं. एक साल पहले  रोड एसोसिएशन इस हाईवे को ठीक करवाने के लिए धरने पर बैठा था, तब प्रशासन ने अस्थायी तौर पर मिट्टी डलवाकर रोड को चालू करवाया था, लेकिन अब बारिश के मौसम में हाईवे पर कीचड़ और पानी भरा होने के कारण वाहनों का आना-जाने के साथ पैदल चलना भी दूभर हो रहा है. 


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स्थानीय निवासी शुभम, ऑटो चालक राजेश व सोमनाथ ने बताया कि पिछले कई साल से देख रहे हैं इस सड़क को ठीक करने के लिए प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. अक्सर इस रोड पर से वाहन पलट रहे हैं और दुर्घटनाएं हो रही हैं. ऑटो चालक ने तो यहां तक कहा कि पिछले 18 साल से आ रहा हूं लेकिन इस सड़क की हालत आज तक ठीक नहीं हुई है. वहीं राहगीरों ने दुख जताते हुए कहा कि सावन का महीना है. कांवड़िये पैदल नंगे पैर आएंगे, उनके लिए यह जर्जर हाईवे एक बड़ी समस्या है.



उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि हमारे लिए ठीक न सही, लेकिन कांवड़ियों के लिए सड़क को ठीक करवाया जाए. स्थानीय दुकानदार शुभम जैन ने कहा कि सड़क खराब होने से दुकानदारी का भी नुकसान तो हो ही रहा है. सरकार प्रशासन से कहने का कोई लाभ नहीं है क्योंकि उनके कानों पर जूं तो नहीं रेंग रही.


धरने की चेतावनी 


सनौली रोड एसोसिएशन (Sanoli Road Asssociation) के प्रधान रामरतन ने कहा कि 6 अक्टूबर 2021 को 3 दिन तक धरना चला था, जिस पर प्रशासन ने मिट्टी डालकर चलाने की हालत में किया था. उन्होंने कहा कि इस हाईवे से कई प्रदेशों से 4 करोड़ से अधिक कांवड़ियों के गुजरने की उम्मीद है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि इस हाईवे को जल्द ठीक किया जाए नहीं तो एक बार फिर धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा. बता दें कि मात्र 30 किलोमीटर दूरी पर पानीपत उत्तर प्रदेश के बॉर्डर से शामली जिला शुरू होता है, जिसमें पहला क्षेत्र कैराना आता है. पानीपत प्रशासन ने कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे तो किए हैं, लेकिन हाईवे के निर्माण में जीरो साबित हो रहे हैं.


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