नई दिल्ली: नोएडा के गालीबाज श्रीकांत त्यागी को आज यानी मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस ने जैसे-तैसे इसे गिरफ्तार किया था, लेकिन अब सीएम योगी ने आदेश दिए हैं कि इसके पीछे कौन-कौन हैं. उन सबका पता लगाओं. सीएम के इस आदेश के बाद से पड़ोस के जिले की पुलिस में हड़कंप मच गया है. 


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जब से सीएम योगी ने यह फरमान जारी किया है कि श्रीकांत को गुंडा और अतिक्रमणकारी बनाने वालों का पता लगाओं. इसके बाद से ही नोएडा पुलिस और नोएडा अथॉरिटी दोनों ही अलर्ट मोड पर आ गए हैं. इनको लग रहा था कि श्रीकांत के गिरफ्तार होने के बाद परेशानी खत्म हो जाएगी, लेकिन हुआ एकदम इसका उलट ही. अब सीएम योगी ने जिला गौतमबुद्ध नगर प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अब उन्हें छांटकर बाहर लाओ जो पुलिस और नोएडा अथॉरिटी में इस गुंडे को कई साल से पाल रहे थे.


इस आदेश के बाद सबसे ज्यादा नोएडा अथॉरिटी के उन अधिकारियों कर्मचारियों की हालत खराब है, जो सैकड़ों शिकायतों और कड़े विरोध के बाद भी श्रीकांत त्यागी द्वारा किए जा रहे अतिक्रमण पर बुलडोजर चलाने से जान-बूझकर कतरा रहे थे. नोएडा पुलिस के अनुसार नोएडा अथॉरिटी ने श्रीकांत को अतिक्रमण करने के लिए कभी कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह साबित होता है कि नोएडा विकास प्राधिकरण ने उसे खुली छूट दे रखी थी. 


वहीं मामले में नोएडा के पड़ोसी जिला पुलिस भी घिरती नजर आ रही है, क्योंकि इसने किस आधार पर श्रीकांत को सिक्योरिटी दे रखी थी. इसकी जानकारी के लिए गृह विभाग गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस आयुक्तालय और प्रशासन के स्तर से पता करवा रहा है कि श्रीकांत को पुलिस सिक्योरिटी किस आधार पर दी गई और किस अफसर के आदेश से दी गई?


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वहीं इस मामले में सीएम योगी की बढ़ती दखल अंदाजी को देखकर श्रीकांत समझ गया था कि उसके सात कुछ भी हो सकता है. इसलिए वो अपने वकील के जरीये किसी तरह कोर्ट में पेश होना चाह रहा था. उसे नोएडा पुलिस को सरेंडर करने से बच रहा था. इसलिए वह अपने वकील से लगातार बात कर रहा था, लेकिन जिस वकील के जरीये वो कोर्ट में सरेंडर करने की सोच रहा था. उसी से बातचीत के दौरान उसकी कॉल ट्रेस कर नोएडा एसटीएफ ने उसे धर लिया.


वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने बताया कि आरोपी ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि उसकी गाड़ी पर जो विधानसभा सचिवालय का स्टीकर लगा था, वो स्टीकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने उसे दिया था. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए श्रीकांत त्यागी की पांच गाड़ियों को सीज किया है. इनमें से एक पर विधायक का स्टीकर लगा था. वहीं एक अन्य गाड़ी की नंबर प्लेट पर उत्तर प्रदेश सरकार का आधिकारिक लोगो लगा हुआ था. वहीं आलोक सिंह ने बताया कि जो राजकीय चिन्ह कार पर मिला है, वो इसने खुद बनवाया था ताकी इसकी मदद से दूसरों के सामने रसूख दिखा सके. 


श्रीकांत की गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में आज त्यागी समाज ने एक बैठक का आयोजन की. श्रीकांत त्यागी द्वारा महिला से की गई अभद्रता को लेकर इस मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि कोई भी त्यागी समाज का व्यक्ति श्रीकांत त्यागी के इस निंदनीय कार्य में उसके साथ नहीं हैं. वहीं बैठक में कहा गया कि पुलिस उसके खिलाफ कानूनी दायरे में रहकर कार्रवाई करे, लेकिन श्रीकांत के परिवार पर किसी तरह की कोई कार्रवाई न हो.