Haryana News in Hindi: हरियाणा की नायब सैनी सरकार अलग-अलग मंचों से प्रदेश की कानून व्यवस्था में सुधार और जनता की सुरक्षा का दावा करती है, लेकिन क्या प्रदेश की पुलिस अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा रही है. सिरसा की एक घटना सामने आने के बाद ये सवाल उठना लाजिमी है, जहां रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर न्याय पाने के लिए पिछले पांच दिनों से खैरपुर चौकी के चक्कर लगा रहा है, लेकिन पुलिस को लगता है कि कोई अपराध हुआ ही नहीं है, भले ही बुजुर्ग की गाड़ी में नुकसान करने के बाद उसे गालीगलौच ही क्यों न की गई हो. 


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अब शुरू से पूरा मामला समझते हैं. 10 नवंबर को खन्ना कॉलोनी निवासी रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर राजाराम बिश्नोई के घर के बाहर खड़ी उनकी गाड़ी का शीशा  पड़ोसी जसबीर सिंह के बच्चे ने पत्थर मारकर तोड़ दिया. घटना सीसीटीवी में भी कैद हो गई. गली में खेल रहे बच्चों ने इसकी जानकारी राजाराम को दी. जब बुजुर्ग ने जसबीर से नुकसान की भरपाई करने को कहा तो उनसे गाली-गलौच की गई. परेशान पूर्व पुलिसकर्मी ने खैरपुर चौकी में शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की. हद तो तब हो गई, जब चौकी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पड़ोसी से माफी मांगने की बात बुजुर्ग से कही. इतना ही नहीं पुलिस ने कहा कि कोई ऑफेंस ही नहीं बनता. माफी मांगकर मामला खत्म कर दो. 


उच्चाधिकारियों से कार्रवाई की मांग
परेशान पूर्व पुलिस कर्मचारी ने शुक्रवार को मीडिया को आपबीती बताई. साथ ही लापरवाह पुलिस कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग उच्चाधिकारियों से की. राजाराम ने कहा कि पुलिसकर्मियों के पास चौकी में सोने के लिए तो समय है, लेकिन मौका-मुआयना करने का समय नहीं है. कर्मचारी हों या चौकी प्रभारी सभी मामले में ढिलाई बारात रहे हैं, जिसके चलते उन्हें परेशान होना पड़ रहा है. 


पांच दिन से लगा रहा पुलिस के चक्कर 
रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर राजाराम बिश्नोई ने बताया कि वह पिछले पांच दिनों से खैरपुर चौकी के चक्कर काट रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा. जब वह चौकी में जाता है कि पुलिसकर्मी आराम फरमा रहे होते हैं. चौकी प्रभारी को भी शिकायत दी लेकिन किसी भी पुलिस कर्मचारी ने मौका-मुआयना नहीं किया. होमगार्ड के जवान जरूर आए. गली में खेल रहे बच्चों के बयान दर्ज किए और आरोपियों से भी बातचीत की, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला. उसे  
 नुकसान की भरपाई नहीं की जा रही. 


लापरवाह पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग पर भेजा जाए 
राजाराम ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों को लगता है कि कोई ओफेंस नहीं बनता, उन्हें ट्रेनिंग पर भेजा जाए. साथ ही चौकी में सुस्ताने वाले कर्मचारियों को अवकाश पर भेजा जाए, ताकि वे घर पर रहकर आराम फरमा सकें. उन्होंने कहा कि अगर रिटायर्ड पुलिस कर्मचारियों की सुनवाई नहीं होगी तो आम आदमी की कौन सुनेगा.


इनपुट: विजय कुमार 


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