Somvati Amavasya 2023: हिंदू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है. साथ ही सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है. आज साल की पहली सोमवती अमावस्या है. इस दिन स्नान, दान, तर्पण के साथ ही पीपल के पेड़ की पूजा का भी विशेष महत्व माना जाता है. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए आज व्रत रखकर पीपल के पेड़ की परिक्रमा करती हैं. आज के आर्टिकल में हम सोमवती अमावस्या की पूजन विधि और उसके महत्व के बारे में जानेगे. 


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सोमवती अमावस्या पर पूजन विधि
-सोमवती अमावस्या के दिन सुबह उठकर नदी में स्नान करें, इस दिन गंगा स्नान का सबसे ज्यादा महत्व माना जाता है. 
-जो लोग गंगा स्नान नहीं कर सकते वो घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. 
-सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु की कामना के साथ पीपल के पेड़ की पूजा करें और 108 परिक्रमा करें.
-आज के दिन पिचरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. 
-पूजा के साथ ही आज किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और वस्त्र का दान करें.
-आज भगवान शिव और माता पार्वती का विधि-पूर्वक पूजन करने से चंद्रमा मजबूत होता है.  


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सोमवती अमावस्या पर पीपल के पेड़ की पूजा का महत्व


- पीपल के पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है, सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से घर की नकारात्मकता दूर होता है और सकारात्मक उर्जा का वास होता है. 


-अमावस्या के दिन पीपल की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. पीपल की जड़ में जल और दूध चढ़ाने से घर के सदस्यों की तरक्की होती है. 


-पितृ दोष के साथ ही अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से गृहदोष का भी निवारण होता है, पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाने से सभी ग्रह शांत होते हैं और सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं. 


-अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से सभी प्रकार की वैवाहिक परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है.


-अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पांच पत्तियों को घुमाकर जल में प्रवाहित करने से नजर दोष दूर होता है. 


(Disclaimer- इस आर्टिकल में दी गई जानकारी और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. ZEE MEDIA इनकी पुष्टि नहीं करता है.)