Sonipat News: गुरनाम सिंह चढूनी ने भाजपा पर साधा निशाना, चुनाव में करेंगे BJP का बहिष्कार
Sonipat News: हरियाणा के सोनीपत में आज अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने एक कार्यालय का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में किसान भाजपा को वोट नहीं देगा.
Sonipat News: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी रविवार को सोनीपत के महलाना रोड पर पहुंचे, जहां उन्होंने किसानों के साथ जल घर में एक बैठक की. उसके बाद किसान नेता ने एक कार्यालय का उद्घाटन किया. पत्रकारों से बातचीत करते हुए किसान नेता ने प्रदेश सरकार के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में किसान भाजपा को वोट नहीं देगा. वहीं उन्होंने लखीमपुर खेड़ी में हुई किसानों की हत्या को लेकर जल्द बैठक करने की बात कही.
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सोनीपत पर किसान नेता जय सिंह ने एक कार्यालय का उद्घाटन करवाया है. सोनीपत में उनका कोई भी कार्यालय नहीं था, जो भी एक अच्छी पहल है. वहीं ब्लॉक के प्रधान की नियुक्ति की गई है. उन्होंने कहा कि जो सरकार ने एमएसपी को लेकर वायदे किए थे. उन पर सरकार खरी नहीं उतर पाई है.
सोनीपत न पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसने की मांगों को लेकर सरकार को किस तरह से घेरा जाए, इसको लेकर किसानों के साथ एक मीटिंग की ओर मीटिंग के बाद सोनीपत में किसानों द्वारा खोले गए कार्यालय का उन्होंने उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव को लेकर वह कोई रणनीति नहीं बना रहे हैं, लेकिन इतना स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी का चुनाव में बहिष्कार किया जाएगा तो उन्होंने राकेश टिकैत द्वारा किसानों को राजनीति से दूर रहने के बयान पर राकेश टिकैत पर जमकर का निशान साधा.
तीन कृषि कानून के खिलाफ चलाए गए आंदोलन के दौरान किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढूनी के बीच शुरू हुआ बयानबाजी का सिलसिला अभी जारी है. दोनों नेता एक दूसरे पर कटाक्ष करते हुए नजर आ रहे हैं. राकेश टिकैत द्वारा किसानों को राजनीति में न आने की सलाह पर गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि राकेश टिकैत पहले भी पार्टी बनाकर चुनाव लड़ चुके हैं. पहले तो उन्होंने विधायक का चुनाव लड़ा और बाद में लोकसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन हार का सामना करना पड़ा और उसके बाद यह बात आई कि अंगूर खट्टे हैं.
अगर किसी भी किसान नेता ने किसानों का भला किया है तो वह जग जाहिर है कि ताऊ देवीलाल और चौधरी चरण सिंह ने किसान होते हुए राजनीति की ओर किसानों का भला किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि आगामी चुनाव में वह सीधे तौर पर हिस्सेदारी नहीं करेंगे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी का बहिष्कार जरूर किया जाएगा.
किसानों की कई मांगे किसान आंदोलन के दौरान अधूरी रह गई थी. इस पर किसानों की क्या रणनीति है. इस सवाल का जवाब देते हुए किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हमें आशंका है कि सरकार एक बार फिर किसानों के खिलाफ तीन कृषि कानून लेकर आ रही है, जिसको लेकर हम पूरी तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों के खिलाफ मुकदमे वापस नहीं हुए हैं, जिसको लेकर हम एक बड़ा आंदोलन का प्रयास कर रहे हैं.
वही एमएसपी पर हरियाणा सरकार कई फैसले खरीद रही है, लेकिन कई फैसले अभी भी भावांतर पर ही खरीदी जा रही है, जिसे हम लगातार विरोध कर रहे हैं. उन फसलों को भी हम एमएसपी के दायरे में लाने की मांग सरकार से कर रहे हैं. अब हम संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा नहीं है, जिसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा से हमारी मांग है कि वह इन मांगों पर ध्यान दें, जो कि किसान आंदोलन के दौरान अधूरी रह गई थी.
Input: Sunil Kumar