Fake Call-ID: फर्जी कॉल का आसानी से लगेगा पता, बिना नेट ऑन किए फोन पर दिखेगी कॉलर-ID
CNAP Service: टेलिकॉम कंपनियों ने स्पैम कॉल पर अंकुश लगाने के लिए कॉलर आईडी डिस्प्ले सेवा का परीक्षण शुरू किया. इस CNAP सर्विस से का मतलब है कि जिस नाम से सिम लिया गया होगा, उसी का नाम फोन की डिस्पेल पर शो करेगा. इससे फ्रोड और फेक कॉल का भी आसानी से पता चल सकेगा.
Haryana News: अब अननोन नंबर से कॉल करने वाले के नाम आसानी से जान सकेंगे. मुंबई और हरियाणा में टेलिकॉम कंपनियों ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (CNAP) ट्रायल शुरू किया है. आने वाले समय में अन्य शहरों में भी यह सर्विस शुरू की जाएगी. इस ट्रायल से स्पैम और फ्रॉड कॉल को रोकने में मदद मिल सकती है. स्पैम और फ्रॉड कॉल हाल ही में बढ़ गए हैं. इसी को देखते हुए सरकार और TRAI के दवाब के बाद से ही यह टेस्टिंग शुरू की गई है.
फोन की डिस्पेल पर शो करेगा कॉलर का नाम
टेलिकॉम कंपनियों ने स्पैम कॉल पर अंकुश लगाने के लिए कॉलर आईडी डिस्प्ले सेवा का परीक्षण शुरू किया. इस CNAP सर्विस से का मतलब है कि जिस नाम से सिम लिया गया होगा, उसी का नाम फोन की डिस्पेल पर शो करेगा. इससे फ्रोड और फेक कॉल का भी आसानी से पता चल सकेगा.
CNAP की मदद से हो रही स्पैम और फ्रॉड कॉल की टेस्टिंग
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें तो टेलिकॉम कंपनी के एक वरिष्ट अधिकारी ने कहा कि CNAP के रिजल्ट को अच्छे तरीके से जान सके. इसके लिए सीमित संख्या में टेस्टिंग की जा रही है. इसमें कॉल आने पर नंबर के साथ कॉलर का नाम भी दिखाई देगा. साथ ही कहा कि इस टेस्टिंग का रिज्लट DOT (Department of Telecommunication) के साथ शेयर करेंगे, जिसके बाद ही उचित निर्णय लिया जाएगा.
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ट्रूकॉलर की तरह काम करेगी CNAP
वहीं इसको लेकर ट्रूकॉलर इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ऋषित झुनझुनवाला का कहना है कि CNAP कंपनी मौजूदा कॉलर आईडी की तरह की काम करेगी. इससे उनके बिजनेस पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा.
सरकार ने दिए थे इंटरनेशल कॉल को ब्लॉक करने के निर्देश
बता दें कि हाल ही में फेक कॉल आने का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया था, जिससे जिनको इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी उन्हें काफी क्राइम और पैसों को लेकर नुकसान भी हो रहा था. इसी को देखते हुए टेलिकॉम ऑपरेटर्स ने फेक इंटरनेशल कॉल को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे. इसी कड़ी में DOT को इसी मामले में कई शिकायते भी मिली थी, जिससे लोगों के साथ साइबर और फाइनेंशियल क्राइम हो रहा था.
अपराध पर रोकथाम के लिए उठाया कदम
फिलहाल इससे बचने के लिए टेलिकॉम कंपनियां कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन टेस्टिंग शुरू कर रही है. जिससे की इस अपराध को रोका जा सके.
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