सरकार के अंतर्गत आने वाला मुखमेल गांव का वर्षों पुराना शमशान घाट बदहाली की मार झेल रहा हैं. वहीं अगर इस शमशान घाट में कोई विकास कार्य किया भी गया है तो उसे ग्रामीण लोगों ने मिलजुल कर अपने खर्चे पर करवाया है.
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मुखमेलपुर गांव में दशकों पुराना शमशान घाट बदहाली की मार झेल रहा हैं. ग्रामीण लोगों का कहना हैं की इस शमशान भूमि को 2004 में सुरु किया गया था, लेकिन जनता के प्रतिनिधियों द्वारा इस पर ध्यान न देने की वजह से अभी शमशान घाट बदहाली की मार झेल रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि तकरीबन 10 साल से इस शमशान घाट में कोई भी विकास कार्य नहीं किया गया है.
वहीं अगर इस शमशान घाट में कोई विकास कार्य किया भी गया है तो उसे ग्रामीण लोगों ने मिलजुल कर अपने खर्चे पर करवाया है. फिलहाल मौजूदा समय में दिल्ली सरकार की तरफ से कुछ कार्य इस श्मशान घाट में करवाया जा रहे हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि इस कार्य को करने से क्या फायदा. जब इस शमशान घाट में स्थानीय लोगों को मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, लकड़ी भी समय से नहीं मिल पा रही हैं.
इतना ही नहीं ग्रामीण मुखमेलपुर गांव के लोगों की पुलिस प्रशासन के प्रति भी नराजगी देखने को मिली, जिसकी मुख्य वजह शाम के समय गांव के इस श्मशान घाट में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लग जाता है. इसको लेकर इलाके के लोग काफी परेशान है. उनका है कि हमारी माताएं बहनें जब शाम के समय खेतों के लिए निकलते हैं या वापस आते हैं तब यहां पर मौजूद असामाजिक तत्व उनके साथ बदतमीजी करते हुए गलत कॉमेंट पास करते हैं.
यहीं वजह हैं कि इलाके के लोगों में डर का माहौल हैं क्योंकि पहले भी इस इलाके में कई वारदातें हो चुकी है. इस शमशान घाट में रोज असामाजिक तत्वों के बढ़ते जामवाड़े को देखते हुए ग्रामीण चिंतित है और पुलिस प्रशासन से अपनी और अपने बहन बेटियों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. देखने वाली बात ये होगी की पुलिस प्रशासन इन ग्रामीणों की मदद कब और कैसे करती हैं.
अगर वर्षो पुराने शमशान घाट ही अगर मूलभूत सुविधाओं के अभाव में पड़े मिले तो बाकी विकाश कार्यों का क्या कहना. लोगों को अब सरकार से बहुत उम्मीदें हैं और उनका कहना है कि इस शमशान घाट से पुरा गांव प्रभावित हो रहा है. अब सरकार को इस शमशान घाट पर ध्यान देना चाहिए और हमारी समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान करवाना चाहिए.
Input: Nasim Ahmad