Today Bharat Bandh: अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आज पूरे देश भर में विभिन्न संगठनों ने आज यानी की 21 अगस्त को भारत बंद का आह्वान किया है. बसपा समेत कई पार्टियां इसका समर्थन कर रही है.


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ऐसे में सवाल ये है कि भारत बंद आखिरकार क्यों बुलाया गया है?.  क्या आप जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का ऐसा कौन सा फैसला है जिसके खिलाफ दलित संगठन विरोध कर रहे हैं और भारत बंद के खिलाफ क्या-क्या खुलेगा और क्या-क्या बंद रहेगा. 


दिल्ली में नहीं दिखेगा भारत बंद का असर 
देशव्यापी भारत बंद का असर दिल्ली में नहीं देखने को मिलेगा. व्यापारियों और फैक्ट्री के मालिकों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( सीटीआई ) चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष बताया कि नया बाजार, चावड़ी बाजार, सदर बाजार,  करोल बाग, कमला नगर, कनॉट प्लेस, लाजपत नगर, सरोजिनी नगर,  कश्मीरी गेट, चांदनी चौक, खारी बावली आदि 100 से अधिक बाजारों के एसोसिएशन के मामले पर हमने चर्चा की. इस पर सभी का कहना है कि भारत बंद को लेकर किसी भी व्यापारी संगठनों ने न तो संपर्क किया और न ही समर्थन मांगा. इसलिए दिल्ली के सभी 700 बाजार खुले रहेंगे. इसके अलावा भी 56 इंडस्ट्रियल एरिया भी खुले रहेंगे


जानें क्या था आरक्षण के मामले में  सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
SC-ST आरक्षण में क्रीमीलेयर पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं. कुछ जातियां ऐसी है जो कि अधिक पिछड़ी हो सकती है. उदाहरण के लिए जैसे कि सीवर की सफाई करने वाले और बुनकर का काम करने वाले. ये दोनों ही जातियां एससी में आती है. इस जातियों के लिए बाकी की जातियों से पिछड़े हैं. वहीं इन लोगों के उत्थान के लिए राज्य सरकारें एससी-एसटी आरक्षण का वर्गीकरण का अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है. ऐसा करना आर्टिकल-341 संविधान के खिलाफ नहीं है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी थी और कहा कि राज्य सरकारें इस पर अपनी मनमर्जी से फैसला नहीं कर सकती हैं. इस पर दो शर्त लागू होंगी. ये है वो दो शर्तें- एससी के भीतर किसी भी एक जाति को 100 प्रतिशत कोटा नहीं दे सकतीं. एससी में शामिल किसी भी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए.


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भारत बंद का ये पार्टियां कर रहीं समर्थन 
आज देशभर के दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है. इन सभी दलित संगठनों को बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो,  भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भारत आदिवासी पार्टी मोहन लात रोत का पूरा समर्थन मिल रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस समेत कुछ अन्य पार्टियों के नेता भी इसमें शामिल है. 


जानें क्या रहेगा बंद
किसी भी राज्‍य सरकार ने भारत बंद को लेकर अभी तक आधिकारिक तौर पर दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं. पुलिस प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है. वहीं विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे हैं. वहीं आज भारत बंद के दौरान सार्वजनिक परिवहन सेवाएं प्रभावित होने का अनुमान है. वहीं कुछ जगहों पर दफ्तर भी बंद किए जा सकते हैं.


ये सेवाएं रहेंगी जारी 
भारत बंद के दौरान अस्पताल और एंबुलेस आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी.  बैंक दफ्तर और सरकारी कार्यालय को बंद या खुला रखने का अभी सरकार की तरफ से कोई निर्देश नहीं आया है. इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि बुधवार को बैंक और सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे